शहर में पूर्व और पश्चिम क्षेत्र में लगभग 33 हजार जल कनेक्शन हैं। इन कनेक्शनों से शहर में करीब 4.5 लाख लोगों को चंबल का पानी मिलता है। वहीं कॉलोनियों में बसे 1.5 लाख लोग अब भी चंबल का पानी नहीं मिलता। इस स्थिति में सुभाष नगर, अनाह गेट, गांधीनगर, केशर विहार, स्वर्ण जयंती नगर, मुखर्जी नगर, सेक्टर तीन, अनिरुद्ध नगर सहित अन्य कॉलोनियों में लोग चंबल के पानी को तरस जाते हैं। इस स्थिति में उन्हें इधर-उधर से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।
शहर में ‘अमृतÓ योजना में 63.31 करोड़ के बजट से 12 टंकियां का निर्माण हो रहा है। इसके तहत 700, 800 व 1000 किलोलीटर क्षमता वाली टंकियों का निर्माण व टंकी से आवासीय क्षेत्रों में पाइप लाइन डालने का कार्य समाहित है। इनमें से गोलपुरा, सोनपुरा, नदिया फार्म, चांदबाई का नगला और सूरजमल नगर में टंकियों का निर्माण करीब डेढ माह पूर्व हो चुका है। फिर भी लोगों तक पानी पहुंचाने में अनदेखी की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि शेष टंकियों का कार्य कुष्ठ रोग अस्पताल सेवर रोड , जैन मंदिर, सूरजमल नगर, एकता विहार, कॉलेज ग्राउण्ड, अनाह गेट, स्वर्ण जयंती पार्क व किशनपुरा में एक वर्ष से चल रहा है। यहां अलग-अलग टंकियों पर 5 से 90 प्रतिशत तक कार्य हुआ है। कहना है कि निर्माण व लाइन डालने का कार्य इस वर्ष दिसम्बर तक पूरा होगा।
इस स्थिति से यही लगता है लोगों को अभी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा। जलदाय विभाग भरतपुर में एक्सईएन उत्तमसिंह का कहना है कि अमृत योजना के तहत टंकियों का निर्माण हो रहा है। यह इस वर्ष दिसम्बर तक हो पाएगा।