कहने को लोगों की आधार संबंधी समस्याओं के समाधान को शहर में चार केंद्र स्थापित किए गए थे। इनमें से वर्तमान में एक केंद्र क्रियाशील है शेष तीन केंद्र महीनों से बंद पड़े हैं। ये केंद्र शहर में कन्नी गुर्जर चौराहा के पास अग्निशमन केंद्र भवन, हीरादास रैन बसेरा, रेलवे स्टेशन रेन बसेरा और जिला परिषद में खोले गए। यहां वर्तमान में केवल जिला परिषद में ही संचालित है। वह भी एक कम्प्यूटर पर लोगों की समस्या निर्भर है।
तीन केंद्रों के बंद होने का कारण आधार बनाने वाली यूआईडीएआई कंपनी की ओर से ऑपरेटरों की आईडी एक्टिवेट नहीं करने को बताया जा रहा है। हालांकि, ऑपरेटरों ने अपने स्तर पर आवेदन किया लेकिन सुचारू नहीं की गई। अब जिला परिषद् में ही शहरभर के लोगों की आधार संबंधी समस्याओं का केंद्र रह गया है। इसलिए लोग हर दिन परेशानियों से जूझ रहे हैं।
यहां आधार में संसोधन का जिक्र करें तो महिलाओं की शादी बाहर होने पर एड्रस प्रूफ में बदलाव, मूलनिवासी, गलत जन्मतिथि को सही कराना, मोबाइल नंबर की गलती में सुधार आदि कराने पर 50 रुपए शुल्क लिया जाता है। जबकि नया बनवाने पर नि:शुल्क सेवा है। फिलहाल पूर्व में बनवा चुके लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में न कोई मैसेज मिलता है और न सुधार होता है। इन्हें हर बार 50 रुपए शुल्क देना पड़ता है।
ये लोग कंपनी के टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत करते हैं। यहां से डाटा न पहुंचना, एरर, प्रूफ अप्रूव्ड नहीं होना कहकर टाल दिया जाता है। जबकि सूत्रों का कहना है कि आधार केंद्र पर नियमानुसार कार्य दस्तावेजों के अनुरूप हो रहा है और रसीद भी उपलब्ध कराई जा रही है। इनका कहना कि रसीद तब आती है जब ऑनलाइन दस्तावेजों की पूर्ति सही हो। अगर दस्तावेज सही नहीं हैं तो फाइल रिजेक्ट हो जाएगी।