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जहां से डीपीसी की सूची निकली, वहां के ही एडीईओ को बनाया थर्ड ग्रेड शिक्षक

locationभरतपुरPublished: May 28, 2020 05:14:09 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-थर्ड ग्रेड से सेकंड ग्रेड के पद पर शिक्षकों की डीपीसी का मामला

जहां से डीपीसी की सूची निकली, वहां के ही एडीईओ को बनाया थर्ड ग्रेड शिक्षक

जहां से डीपीसी की सूची निकली, वहां के ही एडीईओ को बनाया थर्ड ग्रेड शिक्षक

भरतपुर. शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की डीपीसी की सूची किस तरह निकाली जाती है इसका उदाहरण साफ तौर पर हाल में ही निकली सूची में देखा जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से यह सूची निकाली गई है और खुद के ही कार्यालय में कार्यरत एडीईओ को तृतीय श्रेणी शिक्षक बनाकर सूची में नाम शामिल कर लिया गया है। हालांकि अब भी डीपीसी की सूची में गड़बड़ी पर शिक्षा विभाग के अधिकारी बोलने से कतरा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा भरतपुर संभाग की ओर से करीब 400 शिक्षकों की तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी पर पदोन्नति के लिए अस्थायी पात्रता सूची जारी की गई। इसमें पहले 31 मार्च तक परिवेदना लेने का समय निर्धारित किया गया था। राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था।
अब सामने आया है कि संयुक्त निदेशक कार्यालय में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी विशाल सिंह काफी समय से कार्यरत हैं। डीपीसी की अस्थायी पात्रता सूची में अंग्रेजी विषय में क्रमांक संख्या 29 पर विशाल सिंह को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय विलोठी में कार्यरत व थर्ड ग्रेड शिक्षक बताया गया है। सेवर ब्लॉक के स्कूल में कार्यरत अंजलि शर्मा तीन बार पात्रता सूची में नाम जुड़वा चुकी है, लेकिन उनका भी नाम गायब कर दिया गया है।
भीषण गर्मी में चक्कर काट रहे शिक्षक, कोई नहीं मिलता

यह लापरवाही का आलम यहां पर ही खत्म नहीं होता, विभाग ने आदेश निकाल कर खामियों की परिवेदना लेने के लिए ई-मेल आइडी पर भेजने को कहा है, जबकि जिन शिक्षकों के नाम ही सूची से गायब है, उनको लेकर कोई गाइडलाइन तय नहीं की गई है। ऐसे में वो शिक्षक भीषण गर्मी में शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, वहां उन्हें कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिलता है। जब किसी से फोन कर पूछा जाता है तो कोई संतोषजनक जवाब तक नहीं मिलता है।
तीन साल पहले भी हुआ था डीपीसी के नाम पर घोटाला

करीब तीन साल पहले भी शिक्षा विभाग की ओर से संभाग के 6506 तृतीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी की अस्थायी पात्रता सूची निकाली गई थी, उस सूची को स्थायी बताकर बाद में जारी कर दिया गया था। हंगामा होने के बाद सामने आया था कि विभाग के ही कुछ कर्मचारियों की ओर से शिक्षकों से डीपीसी के नाम पर सुविधा शुल्क वसूलने का मामला सामने आया था। इसकी जांच माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के स्तर पर भी हुई थी। उस समय आठ साल पहले बनी सूची में शामिल पदोन्नत हो चुके 500 से ज्यादा शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए थे।
-परिवेदनाओं का समय पर निस्तारण किया जाएगा। 28 तक हमारे कार्यालय में परिवेदनाएं आएंगी। फिर भी अगर कोई परेशानी है तो शिक्षक 28 मई की दोपहर 12 बजे तक परिवेदना दे सकते हैं।
रिपुसुदन सिंह
संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा
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