भीषण गर्मी में चक्कर काट रहे शिक्षक, कोई नहीं मिलता यह लापरवाही का आलम यहां पर ही खत्म नहीं होता, विभाग ने आदेश निकाल कर खामियों की परिवेदना लेने के लिए ई-मेल आइडी पर भेजने को कहा है, जबकि जिन शिक्षकों के नाम ही सूची से गायब है, उनको लेकर कोई गाइडलाइन तय नहीं की गई है। ऐसे में वो शिक्षक भीषण गर्मी में शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, वहां उन्हें कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिलता है। जब किसी से फोन कर पूछा जाता है तो कोई संतोषजनक जवाब तक नहीं मिलता है।
तीन साल पहले भी हुआ था डीपीसी के नाम पर घोटाला करीब तीन साल पहले भी शिक्षा विभाग की ओर से संभाग के 6506 तृतीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी की अस्थायी पात्रता सूची निकाली गई थी, उस सूची को स्थायी बताकर बाद में जारी कर दिया गया था। हंगामा होने के बाद सामने आया था कि विभाग के ही कुछ कर्मचारियों की ओर से शिक्षकों से डीपीसी के नाम पर सुविधा शुल्क वसूलने का मामला सामने आया था। इसकी जांच माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के स्तर पर भी हुई थी। उस समय आठ साल पहले बनी सूची में शामिल पदोन्नत हो चुके 500 से ज्यादा शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए थे।
-परिवेदनाओं का समय पर निस्तारण किया जाएगा। 28 तक हमारे कार्यालय में परिवेदनाएं आएंगी। फिर भी अगर कोई परेशानी है तो शिक्षक 28 मई की दोपहर 12 बजे तक परिवेदना दे सकते हैं।
रिपुसुदन सिंह
संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा
रिपुसुदन सिंह
संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा