गौरतलब रहे कि सोमवार को कैर गांव में बारिश के दौरान पप्पू कोली का दुमंजिला पुराना मकान भरभरा कर गिर पड़ा था। हादसे में पप्पू की पत्नी चंद्रकला, दो पुत्री रीना व सोनम गंभीर रुप से घायल हो गए थे। जिसमें उपचार के दौरान छोटी पुत्री सोनम की मौत हो गई हो गई थी। जबकि घायल मां-पुत्री को जयपुर में इलाज चल रहा है।
कोतवाली प्रभारी मदनलाल मीना ने बताया कि हादसे में मृत बालिका आरबीएम अस्पताल में लिया कोरोना सेम्पल पॉजिटिव आया था। जिस पर गाइड-लाइन के अनुसार परिजनों को शव सुपुर्द नहीं करके भरतपुर में ही परिजनों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार की कार्रवाई की गई। कैर पटवारी भूपसिंह ने बताया कि पीडि़त परिवार को सरकारी सहायता के लिए प्रपत्र भरने की कार्रवाई की गई। वहीं, गांव में ऐसे ही अन्य पुराने जर्जर गिरासु 6 मकानों को चिन्हित कर उनके मालिकों को अपने मकानों की मरम्मत कराने की मौखिक चेतावनी दी गई।
नकारा घोषित सरकारी आवासों पर नहीं ध्यान सार्वजनिक विभाग की ओर से नकारा घोषित किए गए पुलिस आवास के भवन की हालत भी जर्जर है। इस आवास में करीब 40 पुलिसकर्मी निवास करते हैं। पुलिसकर्मियों ने बताया कि रोजाना सीमेंट गिरता रहता है। आरसीसी के सरिया बाहर लटकने लगे हैं। जिससे कभी भी हादसा होने का डर बना रहता है। इसी तरह कचहरी रोड पर खाली पडे सरकारी भवन भी जर्जर हालत में है। इन भवन के पास से ही मेगा हाइवे होने हादसे का डर बना रहता है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता छैलबिहारी शर्मा ने बताया कि पुलिस की ओर से करीब 2 साल पहले मरम्मत कराने के लिए पत्र मिला था। तब उसे नकरा घोषित कर प्रमाण पत्र दिया गया था।