उधर, प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी डॉ.सीमा गुप्ता व उसकी सास सुरेखा की तबीयत बिगडऩे पर इन्हें जिला आरबीएम अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया है। गौरतलब रहे कि सूर्यासिटी में गत 7 नवम्बर को डॉ.संदीप गुप्ता की पत्नी डॉ.सीमा व मां सुरेखा ज्वलनशील पदार्थ लेकर यहां घर पर पहुंचे और इनका दीपा से झगड़ा हुआ। इसके बाद दोनों ने ज्वलनशील पदार्थ घर में डाल दिया और आग लगा दी। इसमें किचन में दम घुटने व झुलसने से दीपा व उसके 6 वर्षीय बालक शौर्य की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने आरोपी बहू व सास के अलावा डॉ.सुदीप को भी गिरफ्तार किया है।
एडमिशन कराने दीपा के साथ गया था डॉ.सुदीप पुलिस जांच में सामने आया कि बालक शौर्य का मॉडर्न स्कूल में एडमिशन कराने के लिए दीपा के साथ आरोपी डॉ. सुदीप भी साथ गया था। एडमिशन दो अगस्त को हुआ था। यहां पर संरक्षक बतौर डॉ. सुदीप का एडमिशन कागज में नाम लिखवाया था और बच्चे की प्रोग्रेस रिपोर्ट जानने के लिए दीपा के साथ डॉक्टर का भी मोबाइल नम्बर अंकित है। दोनों ही उसकी पढ़ाई के संबंध में जानकारी लेते थे। दीपा ने पिता के रूप में पति गजराज का नाम यह कहते हुए लिखवाया कि उसके पति से तलाक की प्रक्रिया चल रही है। तलाक होने पर पिता की नई आईडी देने की बात कही थी।
धनतेरस पर दिलाई थी स्कूटी जांच में सामने आया है कि दीपा का डॉ.सुदीप से प्रॉपर्टी को लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा था। वह सूर्यासिटी में जिस विला (मकान) में रह रही थी, उसे अपने नाम कराना चाहती थी जबकि डॉक्टर उसे फ्लैट दिलवाना चाह रहा था। इसके लिए उसने एक दूसरे डॉक्टर के नाम से ओम रेजीडेंसी में फ्लैट भी बुक कराया था। उधर, दीपावली से पहले दीपा की नाखुशी के चलते डॉ.सुदीप ने उसे धनतेरस पर नई स्कूटी भी दिलाई थी। इस स्कूटी को वारदात के समय पुलिस ने बरामदे में से बाहर निकाला था।
खराब पड़े थे सीसीटीवी कैमरे हत्याकाण्ड में डॉक्टर सुदीप की भूमिका तलाशने के लिए पुलिस ने सूर्यासिटी में सीसीटीवी कैमरों की जांच की लेकिन वह खराब निकले। इनमें कोई रिकॉर्डिंग नहीं मिली। उधर, मुख्य गेट पर तैनात गार्ड का कहना हैकि जिस समय डॉक्टर सुदीप कार से अंदर आए थे, वह खाना खा रहा था। वह करीब 2 से 2.30 बजे के बीच आने का अनुमान बताया। फिलहाल पुलिस चिकित्सक सूर्यासिटी में कब-कब आया, उसकी पड़ताल में जुटी है।