scriptएक साल बाद फिर सच की तलाश | After a year, I want to find the truth again | Patrika News

एक साल बाद फिर सच की तलाश

locationभरतपुरPublished: Feb 26, 2020 04:50:25 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-जिसे पुलिस ने मुख्य आरोपी बताया था उसकी हो चुकी है जमानत

एक साल बाद फिर सच की तलाश

एक साल बाद फिर सच की तलाश

-अब तक बरामद नहीं हुए आभूषण
भरतपुर. शहर का एक साल पुराना चर्चित मिथलेश हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। अब जयपुर एसओजी की ओर से इस हत्याकांड की जांच की जाएगी। क्योंकि पुलिस ने जिसे मुख्य आरोपी बताकर गिरफ्तार बताया था, उसकी जमानत के बाद हाइकोर्ट ने एसओजी से जांच कराने के आदेश दिए हैं। ताकि असली आरोपी की पहचान कर खुलासा किया जा सके। जानकारी के अनुसार 10 अप्रेल की शाम आदर्श नगर कॉलोनी में व्यापारी सुरेशचंद गुप्ता की पत्नी मिथलेश गुप्ता की चाकु से गोदकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने 10 दिन बाद हत्याकांड का खुलासा करते हुए गोपालगढ़ निवासी रिक्शाचालक अरुण कटारा को गिरफ्ता किया था। इसमें दावा किया गया था कि लूट का विरोध करने पर अरुण ने महिला की हत्या कर दी। इसके बाद कथित आरोपी को हाइकोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद प्रकरण हाइकोर्ट में दाखिल किया गया। जहां से प्रकरण की जांच जयपुर एसओजी से कराना तय किया गया। ऐसे में एसपी रणधीर सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम बुधवार को घटनास्थल पर जांच करने पहुंची। जहां विभिन्न पहलुओं की जांच करने के बाद मृतका के पति सुरेशचंद गुप्ता व अन्य परिजनों के बयान लिए। इसके अलावा इस प्रकरण की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के साथ भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि अभी यह केस कोर्ट में चल रहा है। इस प्रकरण में खुद मृतका के परिजन व आरोपी पक्ष ने काफी समय तक पुलिस पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन किया था।
पुलिस के पास सिर्फ सीसीटीवी फुटेज ही था आधार
जानकारों की मानें तो इस मामले में पुलिस ने खुलासा तो कर दिया था, लेकिन कई बिंदुओं पर गहनता के साथ पड़ताल नहीं की गई। इससे पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे। अरुण के वकील अनुराग शर्मा ने कोर्ट को जानकारी दी कि हत्या के मामले में लीगल बेसिस नहीं हैं। आरोपी के कब्जे से न जेवरात बरामद हुए और जो चाकू खुली जगह से बरामद किया। उस पर खून के निशान भी नहीं मिले। इसके अलावा पीडि़त पक्ष की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी है कि हकीकत में जो भी आरोपी है उसे गिरफ्तार किया जाए। इतना ही नहीं मिथलेश हत्याकांड के बाद से पुलिस की आधी-अधूरी जांच पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे, लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारी इस को लेकर दावा करते रहे कि अरुण ही मिथलेश का असली हत्यारा है। जांच में पुलिस ने मुल्जिम की निशानदेही पर चाकू बरामद होना तो बताया लेकिन, वह लूट का माल आज तक बरामद नहीं कर सकी है।
आज भी बना हुआ इतने बड़े हत्याकांड पर सस्पेंस
जहां पुलिस ने उक्त प्रकरण में 10 दिन में खुलासा करते हुए वाहवाही लूटने का दावा किया तो महीनों तक इस मामले में फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगते रहे। खुद इस प्रकरण के जांच अधिकारी की कई प्रकरणों में भूमिका संदिग्ध होने के कारण भी सवाल उठता रहा। भले ही वह मामला बावरिया गिरोह के सदस्य की गिरफ्तार का हो या मिथलेश हत्याकांड का। आज भी आदर्श नगर कॉलोनी समेत शहर की जनता को इस प्रकरण में खुलासा होने का इंतजार है। ताकि पता चल सके कि हत्यारा कौन है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो