पुलिस के पास सिर्फ सीसीटीवी फुटेज ही था आधार
जानकारों की मानें तो इस मामले में पुलिस ने खुलासा तो कर दिया था, लेकिन कई बिंदुओं पर गहनता के साथ पड़ताल नहीं की गई। इससे पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे। अरुण के वकील अनुराग शर्मा ने कोर्ट को जानकारी दी कि हत्या के मामले में लीगल बेसिस नहीं हैं। आरोपी के कब्जे से न जेवरात बरामद हुए और जो चाकू खुली जगह से बरामद किया। उस पर खून के निशान भी नहीं मिले। इसके अलावा पीडि़त पक्ष की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी है कि हकीकत में जो भी आरोपी है उसे गिरफ्तार किया जाए। इतना ही नहीं मिथलेश हत्याकांड के बाद से पुलिस की आधी-अधूरी जांच पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे, लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारी इस को लेकर दावा करते रहे कि अरुण ही मिथलेश का असली हत्यारा है। जांच में पुलिस ने मुल्जिम की निशानदेही पर चाकू बरामद होना तो बताया लेकिन, वह लूट का माल आज तक बरामद नहीं कर सकी है।
जानकारों की मानें तो इस मामले में पुलिस ने खुलासा तो कर दिया था, लेकिन कई बिंदुओं पर गहनता के साथ पड़ताल नहीं की गई। इससे पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे। अरुण के वकील अनुराग शर्मा ने कोर्ट को जानकारी दी कि हत्या के मामले में लीगल बेसिस नहीं हैं। आरोपी के कब्जे से न जेवरात बरामद हुए और जो चाकू खुली जगह से बरामद किया। उस पर खून के निशान भी नहीं मिले। इसके अलावा पीडि़त पक्ष की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी है कि हकीकत में जो भी आरोपी है उसे गिरफ्तार किया जाए। इतना ही नहीं मिथलेश हत्याकांड के बाद से पुलिस की आधी-अधूरी जांच पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे, लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारी इस को लेकर दावा करते रहे कि अरुण ही मिथलेश का असली हत्यारा है। जांच में पुलिस ने मुल्जिम की निशानदेही पर चाकू बरामद होना तो बताया लेकिन, वह लूट का माल आज तक बरामद नहीं कर सकी है।
आज भी बना हुआ इतने बड़े हत्याकांड पर सस्पेंस
जहां पुलिस ने उक्त प्रकरण में 10 दिन में खुलासा करते हुए वाहवाही लूटने का दावा किया तो महीनों तक इस मामले में फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगते रहे। खुद इस प्रकरण के जांच अधिकारी की कई प्रकरणों में भूमिका संदिग्ध होने के कारण भी सवाल उठता रहा। भले ही वह मामला बावरिया गिरोह के सदस्य की गिरफ्तार का हो या मिथलेश हत्याकांड का। आज भी आदर्श नगर कॉलोनी समेत शहर की जनता को इस प्रकरण में खुलासा होने का इंतजार है। ताकि पता चल सके कि हत्यारा कौन है।
जहां पुलिस ने उक्त प्रकरण में 10 दिन में खुलासा करते हुए वाहवाही लूटने का दावा किया तो महीनों तक इस मामले में फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगते रहे। खुद इस प्रकरण के जांच अधिकारी की कई प्रकरणों में भूमिका संदिग्ध होने के कारण भी सवाल उठता रहा। भले ही वह मामला बावरिया गिरोह के सदस्य की गिरफ्तार का हो या मिथलेश हत्याकांड का। आज भी आदर्श नगर कॉलोनी समेत शहर की जनता को इस प्रकरण में खुलासा होने का इंतजार है। ताकि पता चल सके कि हत्यारा कौन है।