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ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए जनसहयोग की दरकार

locationभरतपुरPublished: Mar 25, 2019 10:02:59 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. ऐतिहासिक पुरावस्तुएं हमारी धरोहर हैं और इनका संरक्षण हमारा कत्र्तव्य है।

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भरतपुर. ऐतिहासिक पुरावस्तुएं हमारी धरोहर हैं और इनका संरक्षण हमारा कत्र्तव्य है। सरकार भी धरोहरों के संरक्षण व जीर्णोद्धार के लिए करोड़ रुपए खर्च कर रही है, फिर भी समाजकंटक लोग पुरावस्तुओं को नुकसान पहुंचाकर यहां के इतिहास को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, डीग में जलमहल, किला, वैर व कुम्हेर में किला, भरतपुर में संग्रहालय व किशोरी महल पर सुरक्षा के लिए गार्ड लगे हैं। बावजूद इसके समाजकंटक पुरावस्तुओं को नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे।
हाल ही में होली के आसपास ऐसा मामला डीग में सामने आया है। जहां, किले के अंदर गांव के कुछ लोगों ने हंगामा कर सुरक्षा गार्ड के साथ हाथापाई की। बताया गया है उन्होंने किले में तोडफ़ोड़ भी की। पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने पुलिस में मामला भी दर्ज कराया। मगर, पुलिस व विभागीय अधिकारियों की समझाइश के बाद दोबारा ऐसी हरकत नहीं करने की लिखित में लेकर समझौता कराया।
जिले के कई क्षेत्रों में किले, महल हैं। वहीं भरतपुर में संग्रहालय व किशोरी महल है। विभाग ने संग्रहालय में 1.88 करोड़ रुपए, वैर के किले में करीब 01 करोड़ रुपए व किशोरी महल के महल में 2.5 करोड़ रुपए की लागत से संरक्षण व जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जहां, देशी-विदेशी पर्यटक लोहागढ़ के इतिहास को जानने आते हैं। इनमें कुछ असामाजिक तत्व भी होते हैं जो पुरावस्तुओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कहने को विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से किलों, संग्रहालय, किशोरी महल, जलमहल आदि स्थानों पर करीब 20 सिक्योरिटी गार्ड लगा रखे हैं। फिर भी धरोहरों को देखने आने वाले लोग गार्डों के साथ वहां रखी वस्तुओं को नुकसान पहुंचाते हैं। विभाग का मानना है कि इन धरोहरों की सुरक्षा लोगों के सहयोग से की जा सकती है। इसलिए इन्हें संरक्षित रखने के लिए लोगों का सहयोग आवश्यक है।
देखें तो संग्रहालय में भी बाराहदरी के नक्काशीदार खंभों को नुकसान पहुंचाया गया। इनमें से एक खंभे को विभाग ने चूना-मसाला लगाकर दुरुस्त किया है। वहीं दूसरा खंभा अब भी टूटा है। पुरातत्व विभाग भरतपुर में संभागीय अधीक्षक सोहनलाल चौधरी का कहना है कि जिले में करोड़ों रुपए में किले, महल और संग्रहालय में जीर्णोद्धार कराया है। यह ऐतिहासिक धरोहर हैं, जहां समाजकंटक नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगों से अपेक्षा है कि वह धरोहरों को संरक्षित रखने में सहयोग करें।
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