अमेरिका ने भारत से लड़ाई में दिया था टैंक, सैनिकों ने छाती पर बम रख उड़ाया
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक कर अपने मंसूबे साफ जाहिर कर दिए।
भरतपुर. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक कर अपने मंसूबे साफ जाहिर कर दिए। हालांकि, ये पहली बार नहीं, जब भारतीय फौज ने पाकिस्तान के दांत खट्टे नहीं किए हो। भारतीय सेना तीन बार पाकिस्तान को सीधे मुकाबले में उसे धूल चटा चुका है। इसमें पाकिस्तान के साथ हुए 1971 का युद्धा खासा महत्व रखता है। इस युद्ध में पाकिस्तान का करारी हार मिली और विश्व में एक नए देश का उदय हुआ जो बाद में बांग्लादेश के नाम से पहचाना गया। इससे पहले ये क्षेत्र पूर्वी पाकिस्तान के रूप में था। इस युद्ध की यादें भरतपुर शहर में आज भी ताजा हो रही हैं। 1971 के युद्ध में अमेरिका ने भारत से लड़ाई के लिए पाकिस्तान को शक्तिशाली पैटेंट टैंक मुहैया कराए थे, लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान की फौज भारतीय जवानों के सामने नहीं टिक पाई और मुंह की खानी पड़ी।
अमेरिका के इस अभिजीत टैंक को युद्ध में भारतीय सैनिकों ने जमीन में गड्ढा कर छाती पर बम रखकर ध्वस्त कर दिया था। इन्हीं टैंकों में से एक भरतपुर शहर में गोवर्धन चौराहे पर भारतीय फौज के पराक्रम की कहानी बयां कर रहा है। इन टैंकों को बाद में रक्षा मंत्रालय ने अलग-अलग जगह स्थापित करने के लिए दिए थे। इन्हीं में से एक टैंक यादगार के तौर पर भरतपुर को दिया था। इतिहासकार रामवीर वर्मा ने बताया कि अमेरिका का यह टैंक अभिजीत था, जिस पर उस समय कोई जीत हासिल नहीं कर पाया था। लेकिन भारतीय सैनिकों ने वीरता का परिचय देते हुए छाती पर बम रखकर नीचे से टैंक को ध्वस्त कर दिया था। आज भी इस टैंक ऊपरी हिस्सा पूरी तरह से दुरुस्त है। इस युद्ध में पाकिस्तान के करीब 93 हजार सैनिकों ने आत्म समर्पण किया था। बाद में बांग्लादेश का उदय हुआ।
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