इसलिए तरह समझिए किसान को क्या देना होगा कृषि विस्तार के उपनिदेशक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बताया कि बाजरा के लिए 757.22 रुपए प्रति हेक्टेयर, ज्वार के लिए 513.52 रुपए, ग्वार के लिए 846.56 रुपए, तिल के लिए 589.40 रुपए, कपास के लिए 1238.35 रुपए एवं धान के लिए 1053.70 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रीमियम राशि कृषक की ओर से देय होगी। उन्होंने बताया कि किसानों की ओर से फसल बीमा कराया जाना पूरी तरफ स्वैच्छिक है, जो ऋणी कृषक योजना में नहीं जुडऩा चाहते हैं वे आठ जुलाई 2020 तक संबंधित वित्तीय संस्था में इस बाबत् घोषणा पत्र प्रस्तुत कर सकते थे, अन्यथा उनको योजना में शामिल माना जाएगा। इस योजना में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों की ओर से फसलों का बीमा कराया जा सकेगा। कृषक जिस जिले में स्वयं रहता है उसी जिले की परिधि क्षेत्र में बटाई भूमि मान्य होगी। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाएगा, जबकि गैर ऋणी कृषक अपनी फसलों का बीमा 15 जुलाई 2020 तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सीएससी के माध्यम से करा सकेंगे। इसके अतिरिक्त बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेंट, प्राधिकृत प्रतिनिधि अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल की ओर से निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत फसल बीमा कराया जा सकता है।