दीवार खड़ी करने में जुटी सेना एक गांव से दूसरे गांव के लिए शॉर्टकट रास्ता जो सेना की जमीन से होकर गुजरता है। अब सेना इस रास्ते को बंद करना चाहती है। इस पर ग्रामीणों ने रास्ता बंद नहीं करने को लेकर धरना एवं विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार की सुबह सबसे पहले तो सेना ने अपने अधिकारियों के सामने मॉक ड्रिल की और इसके बाद जेसीबी को बुलवाकर बाउंड्री वॉल बनाने की तैयारी करने में जुट गए। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए कमांडेंट अंशुमान ने पुलिस फोर्स के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अनिल टाक से फोन पर वार्ता करनी चाहिए, तो उनका फोन नहीं मिला। इसके बाद कमांडेंट ने आईजी आलोक वशिष्ठ को मामले की जानकारी दी।
रास्ते को बंद करने का आरोप इस पर वशिष्ठ ने सेवर थानाधिकारी अनिल डोरिया मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे और आर्मी के अधिकारी व स्थानीय ग्रामीणों से वार्ता कर आपसी सामंजस्य की स्थिति बनाने का प्रयास किया। वहीं समाज सेवक गिरधारी तिवारी सहित अन्य गांव के बुजुर्ग भी पुराने नक्शे को लेकर रास्ता होने की बात कहते रहे और साक्ष्य प्रस्तुत करते रहे, लेकिन सेना अपनी जमीन होने का दावा करती रही। कमांडेंट अंशुमान ने बताया कि गत 6 जुलाई को राजस्थान हाई कोर्ट में इस मामले की तारीख थी। अभी मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसको लेकर ग्रामीणों ने रास्ते पर बनने वाली बाउंड्रीवॉल के लिए स्टे आर्डर मांगा था। लेकिन उच्च न्यायालय ने स्टे नहीं दिया। सोमवार दोपहर तक थानाधिकारी अनिल डोरिया, ग्रामीणों और सेना के अधिकारियों के बीच बाउन्ड्री बॉल कोलेकर कोई समहमित नहीं बन सकी।