हर दिन पहुंचे थे 20 हजार कट्टे पिछली बार सरसों के भाव बेहद अच्छे रहने के कारण किसानों ने धड़ाधड़ सरसों की बिक्री की थी। मंडी में एक दिन में करीब 20 हजार कट्टे तक पहुंचे थे, जो इस सीजन में अभी तक 6 से 7 हजार कट्टे पहुंचे हैं। हालांकि इस बार जिले में सरसों की पैदावार बहुत ज्यादा है। ऐसे में व्यापारियों का अनुमान है कि इस बार भी सरसों की अच्छी आवक होगी। सरसों की कटाई पूरी होने के बाद शादियों के सीजन के बीच मंडी में सरसों की अच्छी आवक हो सकती है। जिले में इस बार 2 लाख 52 हजार हैक्टेयर में सरसों की फसल बोई गई है।
खाद्य मंत्री से की सरसों की स्टॉक सीमा हटाने की मांग व्यापार मंडल समिति नई मंडी के एक प्रतिनिधि मंडल ने खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता के नेतृत्व में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मुलाकात कर समस्याओं के समाधान की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में व्यापार मंडल अध्यक्ष शंकरलाल अग्रवाल, महासचिव गिरधर सिंह, पूर्व अध्यक्ष प्रकाश चंद गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य मोहित अग्रवाल एवं संजीव अग्रवाल शामिल रहे। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने सरसों की बंपर पैदावार व स्टॉक सीमा से प्रदेश को काफी नुकसान हुआ है। इससे व्यापारियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि स्टॉक सीमा के कारण प्रदेश में उत्पादन होने वाली सरसों को मजबूरन दूसरे राज्यों में सस्ते दामों पर बेचना पड़ेगा। साथ ही बाद में आवश्यकता होने पर राजस्थान की तेल मिलों को इसी सरसों को महंगे दामों पर खरीदना पड़ेगा। इसलिए राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से सरकार से सरसों पर स्टॉक सीमा हटाने की मांग की जा रही है। संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने स्टॉक सीमा निर्धारित करने के आदेश राज्यों को प्रसारित किए थे। इसके बाद अधिसूचना जारी कर राजस्थान सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सरसों व सरसों तेल पर स्टॉक सीमा 31 मार्च 2022 तक के लिए प्रभावी कर दी। इसके बाद भारत सरकार ने तीन फरवरी को आदेश जारी कर उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और बिहार को स्टॉक सीमा से मुक्त करने के बाद भी राजस्थान में अभी भी स्टॉक सीमा लगी हुई है। बताया गया है कि प्रदेश में गत वर्ष की अपेक्षा 25 लाख टन सरसों अधिक पैदा हुई है। वहीं मंडियों में 10 लाख बोरी सरसों की प्रतिदिन आवक हो रही है।