scriptएएसआई अर्जुन सिंह बर्खास्त, गाड़ी सवार को धमका कर मांगे थे 2 लाख रुपए | ASI Arjun Singh sacked, demanded Rs 2 lakh by threatening the rider | Patrika News

एएसआई अर्जुन सिंह बर्खास्त, गाड़ी सवार को धमका कर मांगे थे 2 लाख रुपए

locationभरतपुरPublished: Jan 21, 2020 09:40:56 pm

Submitted by:

rohit sharma

जिला पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी ने कामां थाने की धिलावटी के पूर्व प्रभारी सहायक उप निरीक्षक अर्जुन ङ्क्षसह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे राज्य सेवा से पृथक कर दिया है।

एएसआई अर्जुन सिंह बर्खास्त, गाड़ी सवार को धमका कर मांगे थे 2 लाख रुपए

एएसआई अर्जुन सिंह बर्खास्त, गाड़ी सवार को धमका कर मांगे थे 2 लाख रुपए

भरतपुर. जिला पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी ने कामां थाने की धिलावटी के पूर्व प्रभारी सहायक उप निरीक्षक अर्जुन ङ्क्षसह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे राज्य सेवा से पृथक कर दिया है। बर्खास्त किए एएसआई सिंह धिलावटी चौकी पर पदस्थापित था और यहां अपराधिक प्रवृत्ति में संलिप्त होने पर उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। आरोपी एएसआई व अन्य ने चौकी पर मुख्य सचेतक महेश जोशी के परिचित व्यक्ति को गलत तरीके से पकड़ लिया और धमका कर 2 लाख रुपए की मांग की थी। शिकायत होने पर डीआइडी लक्ष्मण गौड़ ने तुरंत प्रभाव से उसे निलम्बित कर दिया था। घटना में उसका ***** भी शामिल था। गौरतलब रहे कि पत्रिका ने गत 13 जनवरी के अंक में ‘गैर हाजिर चल रहे एएसआई को दो माह बाद भी तलाश नहीं पाई पुलिस’ नाम से खबर प्रकाशित की थी।

गौरतलब रहे कि फिरोजाबाद निवासी अनिल कुमार अपने साथी सुनील वर्मा के साथ गत 12 नवम्बर को बरसाना से कामां जा रहे थे। किसी घटना के बाद वह चौकी पर पहुंचे, जहां पर एएसआई के साले ने धमकाते हुए 2 लाख रुपए मांगे और नहीं देने पर गाड़ी में शराब की पेटियां डालकर जेल भिजवाने की बात कही। वहीं, अर्जुन ने चौकी पर आते ही उनके साथ मारपीट की। इसमें अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। पुलिस सेवा से बर्खास्त के आदेश में बताया कि पुलिस विभाग की छवि को गहरा आघात लगा है। साथ ही एएसआई अर्जुन सिंह गत 14 नवम्बर 2019 से स्वेच्छापूर्वक अनुपस्थित होकर फरार चल रहा है। जिसका निकट भविष्य में दस्तयाब होना भी संभव प्रतीत नहीं होता है। एएसआई को न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (संख्या 1) कामां की ओर से गत 24 दिसम्बर को मफरूर घोषित किया जा चुका है। एएसआई के इन कृत्यों को देखते हुए उन्हें जनसेवा में बनाए रखना अवांछनीय है। उन्होंने बताया कि एएसआई को राजस्थान सिविल सेवा, वर्गीकरण, नियंत्रण एवं पुर्नरावेदन नियम 1958 के नियम 19/2 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एएसआई को तत्काल प्रभाव से राज्य सेवा से पृथक कर दिया गया है।
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