गौरतलब रहे कि फिरोजाबाद निवासी अनिल कुमार अपने साथी सुनील वर्मा के साथ गत 12 नवम्बर को बरसाना से कामां जा रहे थे। किसी घटना के बाद वह चौकी पर पहुंचे, जहां पर एएसआई के साले ने धमकाते हुए 2 लाख रुपए मांगे और नहीं देने पर गाड़ी में शराब की पेटियां डालकर जेल भिजवाने की बात कही। वहीं, अर्जुन ने चौकी पर आते ही उनके साथ मारपीट की। इसमें अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। पुलिस सेवा से बर्खास्त के आदेश में बताया कि पुलिस विभाग की छवि को गहरा आघात लगा है। साथ ही एएसआई अर्जुन सिंह गत 14 नवम्बर 2019 से स्वेच्छापूर्वक अनुपस्थित होकर फरार चल रहा है। जिसका निकट भविष्य में दस्तयाब होना भी संभव प्रतीत नहीं होता है। एएसआई को न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (संख्या 1) कामां की ओर से गत 24 दिसम्बर को मफरूर घोषित किया जा चुका है। एएसआई के इन कृत्यों को देखते हुए उन्हें जनसेवा में बनाए रखना अवांछनीय है। उन्होंने बताया कि एएसआई को राजस्थान सिविल सेवा, वर्गीकरण, नियंत्रण एवं पुर्नरावेदन नियम 1958 के नियम 19/2 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एएसआई को तत्काल प्रभाव से राज्य सेवा से पृथक कर दिया गया है।