नियम के तहत उन लोगों को पंजीयन कराना अनिवार्य है, जो दस लाख रुपए या इससे अधिक राशि में भवन निर्माण कराते हैं और कार्य के दौरान दस या इससे अधिक श्रमिकों को कार्य में लगाते हों। ऐसे लोगों को विभाग से पंजीयन कराना जरूरी है। समय के अनुरूप अब भवनों का निर्माण आधुनिक तर्ज पर होने लगा है, जिससे निर्माण लागत भी लाखों रुपए तक पहुंच गई है। अब लोग दस लाख रुपए या इससे अधिक राशि से भवन कराते हैं।
उपकर से देते हैं श्रमिकों का लाभे
जिले में सैंकड़ों लोग हैं जो निर्माण करा रहे हैं। इन सब को पंजीयन कराना होगा। गौरतलब है कि इस अधिनियम में यह नियम भी है कि भवन निर्माण कराने वालों को दस लाख रुपए निर्माण लागत पर एक प्रतिशत उपकर भी जमा कराना होता है। इससे पहले पंजीयन भी जरूरी है। इससे मिलने वाले राजस्व को श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ देने में उपयोग किया जाता है।
जिले में सैंकड़ों लोग हैं जो निर्माण करा रहे हैं। इन सब को पंजीयन कराना होगा। गौरतलब है कि इस अधिनियम में यह नियम भी है कि भवन निर्माण कराने वालों को दस लाख रुपए निर्माण लागत पर एक प्रतिशत उपकर भी जमा कराना होता है। इससे पहले पंजीयन भी जरूरी है। इससे मिलने वाले राजस्व को श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ देने में उपयोग किया जाता है।
कार्रवाई की तैयारी में जुटा विभाग
भवन निर्माण कार्य चाहे निजी हो या सरकारी, मगर एक प्रतिशत उपकर सबको देना अनिवार्य है। वहीं कार्य में दस श्रमिकों का उपयोग लेने पर पंजीयन भी जरूरी है। फिलहाल में विभाग जिले भर में नए भवन व निर्माण कार्य चल रहे भवनों का सर्वे करा रहा है। विभाग अब श्रम उपकर और पंजीयन नहीं कराने वालों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
भवन निर्माण कार्य चाहे निजी हो या सरकारी, मगर एक प्रतिशत उपकर सबको देना अनिवार्य है। वहीं कार्य में दस श्रमिकों का उपयोग लेने पर पंजीयन भी जरूरी है। फिलहाल में विभाग जिले भर में नए भवन व निर्माण कार्य चल रहे भवनों का सर्वे करा रहा है। विभाग अब श्रम उपकर और पंजीयन नहीं कराने वालों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
उपकर जमा नहीं कराने वाले भवन मालिकों का सर्वे किया जा रहा है, जिसे प्रशासन के माध्यम से वसूला जाएगा। वहीं भवन निर्माण के दौरान दस या इससे अधिर श्रमिकों से कार्य कराने वाले मालिकों को विभाग से पंजीयन कराना भी अनिवार्य है।
हसीना बानो, जिला श्रम कल्याण अधिकारी श्रमविभाग भरतपुर।
हसीना बानो, जिला श्रम कल्याण अधिकारी श्रमविभाग भरतपुर।