एसपी हैदरअली जैदी ने बताया कि 24 फरवरी को हैड कांस्टेबल संतोष कुमार व कांस्टेबल पुनीत को मुखबिर से सूचना मिली कि 15 हजार का इनामी बदमाश केशव गुर्जर निवासी सायपुर थाना बसई डांग धौलपुर में गिरोह के साथ पीरी कछ के गांव के पास रुका हुआ है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। दस्युओं की पुख्ता सूचना के लिए एक टीम धौलपुर भेजी गई। दस्युओं के ठहरने के ठिकाने की जानकारी होने पर भरतपुर हथियारबंद क्यूआरटी टीम भेजी गई। उधर, धौलपुर पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस ने थाना बसई डांग में के गांव सायपुर के पास दस्युओं की घेराबंदी कर ली। पुलिस को देख दस्युओं ने भारी फायरिंग कर दी। जिस पर मोर्चा संभालते हुए पुलिस ने 10 राउण्ड फायर किए। पुलिस ने बाद में दस्यु गिरोह के सदस्य विनोद उर्फ बंटी (48) पुत्र यादराम उर्फ आदराम निवासी नगरिया पुलिस थाना अम्बा जिला मुरैना को एक पचफेरा व 50 कारतूस एवं केशव गुर्जर के भाई रामनरेश (24) पुत्र माधो गुर्जर निवासी सायपुर थाना बसई डांग को एक देशी कट्टा 315 बोर तथा पांच जिंदा कारतूस के पकड़ा है। जबकि केशर गुर्जर पुलिस टीम को चमका देकर भाग निकला। पकड़े दस्यु बंटी पर चार मुकदमे दर्ज हैं। इसमें एक मुकदमा मुरैना जिले में दर्ज है। आरोपी की गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित था।
धौलपुर पुलिस की मुखबिरी नाकाम भरतपुर पुलिस के धौलपुर जिले में ऑपरेशन कर दो दस्युओं को पकडऩे के मामले में स्थानीय पुलिस की मुखबिरी कमजोर साबित हुई है। इससे पहले भी कुछ मौकों पर धौलपुर पुलिस भरतपुर का सहयोग लेना पड़ा था। इसमें जगन गुर्जर की गिरफ्तारी में भी भरतपुर के तत्कालीन ग्रामीण सीओ परमाल सिंह को भेजा गया था। हालांकि, इससे पहले भरतपुर पुलिस भी झटका झेल चुकी है। अलवर पुलिस प्रदेश स्तर के इनामी बदमाश सुरेश गुर्जर व अरशद मेव को भरतपुर के नगर थाना क्षेत्र में कार्रवाई कर पकड़ ले गई थी। इसमें भी भरतपुर पुलिस की किरकिरी हुई थी। इस घटना के बाद एसपी भरतपुर ने एसओजी टीम के सभी सदस्यों को हटा दिया था।