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सीएचसी से ज्यादा पीएचसी ने पाया नाम, क्योंकि एएनएम ललिता पर ग्रामीणों का इतना विश्वास

locationभरतपुरPublished: Oct 01, 2020 03:10:14 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-जिले में सर्वाधिक प्रसव कराने वाला केंद्र है पथैना, हर वर्ष 1500 से अधिक प्रसव

सीएचसी से ज्यादा पीएचसी ने पाया नाम, क्योंकि एएनएम ललिता पर ग्रामीणों का इतना विश्वास

सीएचसी से ज्यादा पीएचसी ने पाया नाम, क्योंकि एएनएम ललिता पर ग्रामीणों का इतना विश्वास

भरतपुर. किसी भी विभाग की खामियां भले ही सुनने को मिलती है, जहां कभी किसी अस्पताल में अवैध वसूली तो कहीं अव्यवस्थाओं के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन जिले में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसा भी है, जहां उसका सीएचसी भी अधिक नाम है। यहां की एएनएम ललिता कुमारी का नाम सुनकर ग्रामीण प्रसव के लिए प्रसूता को लेकर आते हैं। यही कारण है कि यह पीएचसी अब वर्षभर में जिले में सर्वाधिक प्रसव कराने वाला केंद्र बन चुका है।
भरतपुर एवं अलवर जिले की महिलाएं यहां प्रसव के लिए आती हैं। वैर उपखण्ड के पथैना गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भरतपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र का सर्वाधिक प्रसव कराने वाला स्वास्थ्य केन्द्र बन गया है। जिसका कारण है कि इस चिकित्सालय में कार्यरत एएनएम ललिता कुमारी पर लोगों का इतना विश्वास है कि वह बिना किसी ऑपरेशन एवं सुविधाजनक तरीके से प्रसव करा देती है। ललिता पथैना गांव की ही रहने वाली है और राजकीय सेवा में 2005 में इस प्राथमिक चिकित्सालय में डयूटी करने आई तो उस समय एक भी प्रसव नहीं होता था। यह जानकर ललिता को बहुत दु:ख हुआ लेकिन उसने लोगों को चिकित्सालय में संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया। जब लोगों ने देखा कि बिना ऑपरेशन के ललिता आसानी से प्रसव करा रही है तो इसे सुनकर आस-पास के गांव के लोग भी प्रसव कराने के लिए पथैना के प्राथमिक चिकित्सालय पहुंचने लगे। आज ललिता की वजह से पथैना के आस-पास के भरतपुर जिले के गांवों के अलावा अलवर जिले के दातिया, सौंखरी, समौची, सौंकर, डोरोली, हिगोटा, खानपुर सहित दो दर्जन गांवों के लोग प्रसव कराने आते हैं यही कारण है कि आज पथैना प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ हजार प्रसव होने लगे हैं। ललिता की ख्याति इतनी अधिक हो गई है कि भुसावर के आस-पास के लोग भी प्रसव कराने के लिए पथैना जाने लगे हैं। ललिता की प्रसव कराने की मेहनत को देखकर राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं लुपिन फाउंडेशन संस्था ने कई बार सम्मानित किया है।
खाना बीच में छोड़कर जाती है प्रसव कराने

बताते हैं कि ऐसा कई बार हुआ है कि जब परिजन प्रसूता को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आए हैं। ललिता या तो अवकाश पर है या घर पर खाना खा रही है। ऐसे में जब उसे सूचना मिलती है तो वह तुरंत खाना छोड़कर पहले प्रसूता की सुध लेती है। ललिता की खासियत यह भी है कि यदि कोई महिला प्रसव के लिए चिकित्सालय पहुंचती है तो वह अपना खाना छोड़कर भी प्रसव कराने पहुंच जाती है।
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