भरतपुर

भरतपुर भी आ गया लापरवाही का कोरोना संक्रमण

मेवात के गांव जुरहरी में कोरोना वायरस पॉजिटिव केस सामने आया है। यह मरीज पिछले चार महीने में पांच राज्यों के दर्जनों शहरों में घूमकर करीब 10 हजार से अधिक लोगों के संपर्क में आया है।

भरतपुरApr 02, 2020 / 07:21 pm

Meghshyam Parashar

भरतपुर भी आ गया लापरवाही का कोरोना संक्रमण

कामां/पहाड़ी. मेवात के गांव जुरहरी में कोरोना वायरस पॉजिटिव केस सामने आया है। यह मरीज पिछले चार महीने में पांच राज्यों के दर्जनों शहरों में घूमकर करीब 10 हजार से अधिक लोगों के संपर्क में आया है। अब सवाल यह उठता है कि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण कब फैला। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने संबंधित ग्राम पंचायत की राजस्व सीमा में जीरो मोबिलिटी निषेधाज्ञा जारी की है। स्पष्ट है कि अब यहां सबकुछ कफ्र्यू की तरह ही रहेगा। जानकारी के अनुसार जुरहरी निवासी फकरू पुत्र सुबराती मेव गांव के ही 11 सदस्यों के साथ पांच दिसंबर 2019 को जमात के लिए दिल्ली निजामुद्दीन गया था। जहां से चार माह के लिए छह दिसंबर को ट्रेन से हाबड़ा कलकत्ता के लिए रवाना हो गया। उसके बाद 26 मार्च को उत्तरप्रदेश के आगरा पहुंचे। जहां सब्जी के ट्रक में बैठकर सभी जमाती 28 मार्च को गांव जुरहरी में आ गए। जो 31 मार्च तक गांव में ही रहे। रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने उसके पॉजिटिव होने की पुष्टि कर दी है। उसके परिजनों को भी डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है। पूरे गांव के ग्रामीणों की स्क्रीनिंग कर होम क्वारेंटाइन में रखा गया है। फकरू के परिवार में कुल आठ सदस्य बताए जा रहे है। अधिकारियों का तर्क है कि एक पॉजिटिव केस वाला जमाती दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, उत्तरप्रदेश, हरियाणा राज्यों के शहरों से होकर निकला है। चार महीने के दौरान वह कम से कम करीब 10 हजार से अधिक लोगों के संपर्क में आया होगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। अब इस बात की जांच की जा रही है कि संक्रमण चेन की जानकारी जुटाई जा रही है।
आइसोलेशन सेंटर ही नहीं बना सके अफसर

कामां एसडीएम ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर कलावटा स्थित आईटीआई मे आइसोलेशन सेंटर चालू किए जाने से पूर्व उसका निरीक्षण कर मरम्मत कराने के आदेश जारी किए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण का पॉजिटिव मिलने के बाद यह आदेश भी अपने आप में लापरवाही ही दर्शा रहा है। क्योंकि कामां में ऐसे कई सरकारी गैर सरकारी भवन मौजूद हैं जिनमें तुरंत प्रभाव से आइसोलेशन सेंटर शुरू किया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि कब अधिकारी निरीक्षण करेंगे कब मरम्मत होगी।
पहाड़ी: मील का मदरसा की जांच, 19 को हो चुकी बच्चों की छुट्टी

पहाड़ी के एसडीएम जगदीश आर्य ने बताया कि मील के मदरसा की पूरी जांच की गई है, इसमें कोई नहीं मिला है। डीग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बुगलाल मीणा ने बताया कि मील के मदरसे में पढने वाली 16 सौ लड़की व दो हजार छात्रों की छुट्टी 19 मार्च को कर दी गई। मौके पर प्रबंधन से जुड़े लोग मिले हैं। एसएचओ रामनरेश मीणा ने बताया कि गाजूका निवासी साहून पुत्र जमील जो दुबई से आया था। दिल्ली जांच के बाद घर में आइसोलेशन में था। जिसे तलाश कर लिया गया है।
अब गांवों में उतरी अफसरों की फौज, और भी संदिग्ध आए सामने

सीकरी. गांव रूस्तमपुर में ठहरे जमातियों को आइसोलेशन के लिए भरतपुर भेजा। 11 फरवरी को जयपुर से गांव रुस्तमपुर में 10 लोग जमात में आए और ये लोग स्थानीय गांव में ही रह रहे थे। गुरुवार को सभी लोगों को स्क्रीनिंग के बाद भरतपुर भेज दिया गया। वहीं दौसा के लालसोट से तीन मार्च को 9 लोग क्षेत्र के गांव गुलपाड़ा में आए और ये उसी दिन से गांव गुलपाड़ा, नांगल, रसूलपुर व ककराला में रहे थे। इनको भी भरतपुर भेज दिया गया। गांव गबडिय़ावास से प्रशासन ने सूचना पर मरकज निजामुद्दीन दिल्ली से आए एक और सन्दिग्ध को भरतपुर भेजा। गांव तेस्की में मध्य प्रदेश से आए नौ जमातियों को प्रशासन ने भरतपुर भेजने को चिन्हित किया।
वैर. वैर से दो व गांव हिसामड़ा से एक जमाती की सीएचसी वैर में स्क्रीनिंग कर भरतपुर आइसोलेशन के लिए भेजा गया। उन्होंने गत एक माह से जगह-जगह ग्रामीण क्षेत्रों में जमात करने के बारे में बताया तथा कुछ दिन पूर्व ही घर आना बताया। उसी तरह गांव हिसामड़ा निवासी एक युवक जमात करके आया था।
डीग. टीम के सदस्यों ने तबलीगी जमात में जाने वाले व वहां से आने वाले लोगों के बारे में गहराई से जांच व पूछताछ की। इस दौरान खेाह थाने के तीन गांवों से मिले चार जनों को जांच के लिए भरतपुर भेजा गया। गांव चुल्हैरा से दो, भयाड़ी व करमूका से एक-एक संदिग्ध को भी भेजा है।

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