इस वजह से कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 253 तक पहुंच गई, जो 20 मई तक लगभग 120 थे। यानि 20 मई से अब तक 11 दिन में 133 संक्रमित हो गए। इस कोरोना संक्रमण की अधिकता कुम्हेर गेट थोक सब्जी मंडी से फैलने से सामने आई है, जहां गत दिनों चिकित्सकीय टीम ने सब्जी आढ़तिया, पल्लेदार, फुटकर सब्जी विक्रता व बाहर से आने वाले लगभग 52 लोगों के सैम्पल लिए। इसमें से 29 पॉजिटिव निकले। अब तो घर से बाहर निकलते ही संक्रमण है।
सब्जी मंडी में 29 लोगों के संक्रमित मिलने पर अब इनके संपर्क में आए लोगों को ढूंढना मुश्किल होगा। क्योंकि, मंडी में बयाना, रूपवास, अछनेरा, हिण्डौन व भरतपुर के आसपास के गांव से सब्जियां आ रही थीं। इस बीच प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग और मुंह पर मास्क लगाने की अपील कर रहा था। लेकिन, प्रशासन ने अपील के साथ थोड़ी सख्ती नहीं दिखाई जिसका परिणाम सामने आया है। बता दें कि 22 मार्च से लॉक डाउन लगा था। लेकिन, जरुरत के हिसाब से सब्जी मंडियां खुली रहीं। लेकिन, मंडी में भीड़भाड़ के चलते 25 अप्रेल से सब्जी मंडी का समय परिवर्तित कर दिया।
मंडी का समय पहले रात दस से सुबह पांच बजे तक कर दिया। तब भी भीड़ के हालात पर काबू न देख प्रशासन ने मंडी समय रात बारह से सुबह पांच बजे तक कर दिया। फिर भी भीड़ पर काबू पाने पर ध्यान नहीं दिया।थोक सब्जी मंडी में आढ़तिया रामनिवास का कहना है कि ऐसे में संक्रमितों की संंंख्या बढ़ी तो सब्जी मंडी बंद का निर्णय प्रशासन ने लिया। मंडी में कुछ दिन पहले 52 सैम्पल लिए गए। इनमें से 29 पॉजिटिव आए हैं। सैम्पलिंग का कार्य तो निरंतर चलना चाहिए था। यह नहीं होने से स्थिति खराब हो गई। यही नहीं पूरे शहर को दोपहर एक बजे बाद से लॉक डाउन करने का निर्णय लेना पड़ा।
पुन: सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक किराना, आटा चक्की खोलने व दूध बेचने आदि का समय निर्धारित करना पड़ा। यही हालत बाजार में भी रही, जहां दुकानों पर लगी भीड़ पर नियंत्रण रखने के इंतजाम नहीं किए गए। भरतपुर में सीएमएचओ डॉ. कप्तान सिंह का कहना है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंस, मास्क, सेनेटाइजर और घर में रहना जरुरी है,तभी नियंत्रण किया जा सकता है। सब्जी मंडी में भी लोगों को नियंत्रण रखना चाहिए था। कुछ दिनों में अधिक पॉजिटिव केस सब्जी मंडी से ही सामने आए हैं। लोगों को नियमों का पालन करना होगा।