-जिला प्रमुख जगत सिंह का एक और विवादास्पद बयान, नगर निगम के सामने भाजपा का धरना-प्रदर्शन, धरने में सांसद रंजीता कोली, जिला प्रमुख जगत सिंह, जिलाध्यक्ष डॉ. शैलेष सिंह समेत तमाम नेता जुटे
सरकार का खजाना खाली, रात को पीएम से मांगते हैं भीख
भरतपुर. भारतीय जनता पार्टी की ओर से कथित भ्रष्टाचार व तीन वर्ष के लिए हो रहे 60 करोड़ रुपए के नए सफाई ठेका के विरोध में नगर निगम कार्यालय के सामने करीब तीन घंटे तक धरना प्रदर्शन किया गया। इसमें भाजपा नेताओं ने नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार से लेकर राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग पर भी गंभीर आरोप लगाए। हालांकि जिला प्रमुख जगत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लेकर भी विवादास्पद बयान दे डाला। साथ ही उन्होंने नगर निगम को सुधारने के लिए जूते व एके 47 काम में लेने की भी नसीहत दे डाली। इतना ही नहीं नेताओं ने खुलेआम आरोप लगाया कि निजी कंपनी को सफाई ठेका देकर नगर निगम के कांग्रेस के बोर्ड के मुखिया व राज्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव का खर्च निकालने की तैयारी में जुटे हुए हैं। भाजपा पार्षद शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं। साथ ही आने वाले समय में भी विरोध जारी रखा जाएगा। प्रदर्शन के दौरान नगर निगम के मेयर व राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई। धरने को संबोधित करते हुए जिला परिषद् के जिला प्रमुख जगत सिंह ने कहा कि भरतपुर शहर में सड़कें ही नहीं है, बल्कि गड्ढों में सड़क समा चुकी है। कांग्रेस के मेयर व राज्यमंत्री कह रहे हैं कि हम निजी कंपनी के माध्यम से सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे। नई आधुनिक तकनीक मशीन लाकर सफाई कार्य कराया जाएगा। जब सड़कें ही नहीं है तो मशीन लाकर क्या करेंगे। कांग्रेसियों की सोच भी मजाक से कम नहीं है। अब हम कहते हैं कि 737 हवाई जहाज को भरतपुर में उतारना चाहते हैं तो संभव है क्या। नगर निगम से सफाई ठेका पर जो राशि व्यय होगी, वह कोई राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग व नगर निगम के मेयर की कोई निजी आय नहीं है। राज्य सरकार के खजाने खाली है। गहलोत चीखते रहे कि पैसा है पैसा है। चुपचाप रात को जाता है और भीख मांगता है हमारे प्रधानमंत्री से भिखारी की तरह, कटोरा लेकर। उन्होंने कहा कि अब नगर निगम की बात ही करें तो सामने आता है कि जब 10 करोड़ रुपए में सफाई का काम हो सकता है तो इतना बड़ा बजट क्यों खर्च किया जा रहा है। अब हम सभी मिलकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत करेंगे। यह संभाग मुख्यालय होने के बाद भी बिजली, पानी व सड़क की समस्याओं से आमजन त्रस्त है। राज्य सरकार में इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है कि 500 करोड़ रुपए में रीट का पेपर बेच दिया गया। राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार अब तक के इतिहास में सबसे बड़े भ्रष्ट आए हैं। नगर निगम को हमें सुधारना हैं, चाहे लड़कर सुधारो, जूते से सुधारो, चाहे एके 47 से। हमारे साथ सभी समुदाय हैं। धरने को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद रंजीता कोली ने कहा कि फ्लैट्स के उद्घाटन समारोह में सांसद के अधिकारों का हनन किया गया है। ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सफाई कर्मचारियों का दमन करने के लिए नई कंपनी को काम देना भ्रष्टाचार से कम नहीं है। धरने को जिलाध्यक्ष डॉ. शैलेष सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष सत्येंद्र गोयल, गिरधारी तिवारी, गिरधारी गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष कपिल फौजदार, पार्षद शिवानी दायमा, वीरमति फौजदार, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन रारह, रूपेंद्र सिंह जघीना आदि ने संबोधित किया।
…असल में लैपटॉप को लेकर छिड़ी हुई जंग पिछले दिनों नगर निगम की ओर से निजी आय का हवाला देकर पार्षदों को वितरण के लिए करीब 40 लाख रुपए के 80 लैपटॉपट की खरीद की गई है। असल लड़ाई लैपटॉप से ही शुरू हुई है। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष कपिल फौजदार लैपटॉप लेने से इंकार कर चुके हैं। कांग्रेस के ज्यादातर पार्षद लैपटॉप लेने के पक्ष में है। क्योंकि जब नए सफाई ठेका का विरोध किया जा रहा था तो उसी बैठक में लैपटॉप वितरण का प्रस्ताव रखा गया था। इसके अलावा नगर निगम में आ रहे कथित 464 करोड़ रुपए के बजट की जांच भी सीबीआई से कराने का आह्वान किया गया।
अब कांग्रेस ने की तैयारी, जल्द देगी जवाब भाजपाइयों की ओर से धरना प्रदर्शन में खुलेआम मेयर व राज्यमंत्री पर आरोप लगाने के बाद अब सत्तापक्ष में खलबली मच गई है। इसको लेकर राष्ट्रीय लोकदल के माध्यम से भी बैठक या प्रदर्शन कराया जा सकता है। क्योंकि पहली बार भाजपा के नेता नगर निगम के खिलाफ खुलेआम बोले हैं। नगर निगम के कार्यकाल में अब तक सत्तापक्ष और विपक्ष एक ही नजर आ रहा था।
जगत सिंह का विवादों से पुराना नाता असल में जिला प्रमुख जगत सिंह का बयानों के कारण विवादों में आने का पुराना नाता रहा है। जिला प्रमुख बनने के बाद कामां में हुए स्वागत समारोह में उन्होंने प्रशासन, पुलिस व कांग्रेस नेताओं की गुंडई बंद कराने के लिए एके 47 से देख लेने का बयान दिया था। इसके बाद कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र कुम्हेर के गांव सूरौता में स्कूल में हुए कार्यक्रम में काम न करने वाले अधिकारियों को जूतों से काम कराने की बात कही थी। इसके बाद अब नगर निगम के धरने में विवादास्पद बयान दिया है।