भरतपुर-धौलपुर में 349 ग्राम सेवा सहकारी समितियां संचालित हैं। इनमें भरतपुर में 265 और धौलपुर में 84 समितियां हैं। समितियों से भरतपुर में 46 हजार 547 और धौलपुर में 12 हजार 781 किसान जुड़े हैं, जो फसली ऋण के लिए समिति के व्यवस्थापक को आवेदन करते थे। ऐसे में शिकायतें आती थीं। इससे को-ऑपरेटिव बैंक और ऋण माफी करने वाली सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ रहा था।
ऋण को लेकर वर्ष 2018-19 में भरतपुर-धौलपुर के 59 हजार 328 किसानों को सहकारी बैंक ने लगभग 178 करोड़ रुपए का फसली ऋण दिया था। इन्हें कृषि भूमि के अनुरूप नियमानुसार ऋण दिया गया।बताते हैं कि ऋण माफी की घोषणा के बाद किसी भी किसान ने जमा नहीं कराया। जबकि अधिकतम ऋण की सीमा 02 लाख रुपए है। ऐसे में इससे कम व ज्यादा लेने वाले किसानों ने जमा नहीं कराया। इन्हें अवधिपार (बकाया) ऋणी की श्रेणी में माना है।
अब ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया में किसानों को ई-मित्र पर कृषि भूमि के दस्तावेज, आधार, भामाशाह कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता आदि दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। आवेदन में ऑनलाइन डाटा भरा जाएगा। इसके बाद संबंधित किसान का अंगूठा लगने पर पंजीयन सही माना जाएगा। तब ऋण व्यवस्था सुनिश्चित होगी। इस स्थिति में किसान पे-एटीएम, पोस या अपने बैंक खाते में ऋण राशि का ले सकेगा। प्रक्रिया शुरू होने के बाद भरतपुर से 622 और धौलपुर से 53 किसानों ने अब तक ऑनलाइन पंजीयन करा दिया है।
प्रबंध निदेशक केंद्रीय सहकारी बैंक भरतपुर बिजेंद्र शर्मा का कहना है कि अब फसली ऋण लेने वाले किसानों को ई-मित्र पर दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। मशीन में अंगूठा से वेरिफाई होने पर किसान को ऋण की स्वीकृति मिल जाएगी। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी।