जिले में रसद विभाग के अधीन लगभग एक हजार राशन की दुकानें संचालित हैं। जहां से प्रतिमाह 81 हजार क्विंटल गेहूं का वितरण किया जाता है। यह खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े 03 लाख 47 हजार परिवारों को वितरित होता है। लेकिन, माना जाता है कि महीनों से उचित मूल्य की दुकानों पर भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं की आपूर्ति समय पर नहीं की जा रही थी। जबकि, उपभोक्ता पखवाड़ा में महीने की 16 तारीख से पहले दुकानों पर गेहूं पहुंचना चाहिए।
वहीं अक्टूबर 2019 से पहले उपभोक्ताओं को दो माह का गेहूं लेने का प्रावधान था। यह उस स्थिति में था, जब काई उपभोक्ता गत माह का गेहूं किसी कारण से नहीं ले पाया हो तो उसे अगले महीने दो माह का गेहूं देना निर्धारित था। चूंकि, शिकायतें आ रही थी कि अंगूठा दो माह का लगवाकर गेहूं एक माह का दिया जाता है। इसलिए सरकार ने इसमें भी परिवर्तन कर दिया।
अब राशन की दुकान पर दिसम्बर का गेहूं 30 नवम्बर तक पहुंचाएंगे, जिससे आगामी महीने में व्यवस्था ठीक रहे। इससे जहां डीलरों को समय से पहले गेहूं की आपूर्ति होगी। वहीं उपभोक्ताओं को एक माह का एक बार ही गेहूं उपलब्ध हो सकेगा। इसके आदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं। इसके चलते विभाग ने डीलरों को निर्देशित किया है कि गेहूं की राशि वह 20 अक्टूबर तक खाद्य आपूर्ति निगम में जमा कराकर बिल जारी कराएं।
जिला रसद अधिकारी भरतपुर बनवारी लाल मीणा का कहना है कि गेहूं की आपूर्ति आगामी माह से पहले गत माह की अंतिम तारीख तक राशन डीलरों के यहां हो जाएगी। वहीं उपभोक्ताओं को चालू माह का ही गेहूं दिया जाएगा। गत माह का गेहूं नहीं देंगे। ये आदेश राज्य सरकार ने दिए हैं। इसका उद्देश्य गेहूं वितरण में पारदर्शिता लाना है।