scriptएसएचओ से बात कराने के लिए डीआइजी निवास से जाता गार्ड रूम में फोन | Call in guard room to go to DIG residence to talk to SHO | Patrika News

एसएचओ से बात कराने के लिए डीआइजी निवास से जाता गार्ड रूम में फोन

locationभरतपुरPublished: Jul 04, 2020 01:54:08 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-डीआइजी निवास पर दलाल से ली जानकारी, गार्डों से की पूछताछ- डीआइजी के नाम पर घूस लेने का मामला

एसएचओ से बात कराने के लिए डीआइजी निवास से जाता गार्ड रूम में फोन

एसएचओ से बात कराने के लिए डीआइजी निवास से जाता गार्ड रूम में फोन

भरतपुर. पूर्व रेंज डीआइजी लक्ष्मण गौड के नाम पर घूस लेने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम शुक्रवार सुबह रिमाण्ड पर चल रहे दलाल प्रमोद शर्मा को लेकर भरतपुर आई। एसीबी की टीम उसे डीआइजी निवास पर लेकर पहुंची और मौका मुआयना कराया। यहां पर टीम ने निवास पर तैनात गार्डों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। उधर, एसीबी ने दलाल को वापस कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे छह जुलाई तक रिमाण्ड पर लिया है। पूछताछ में सामने आया कि गार्डों ने बताया कि निवास से गार्ड रूम में बजर बजती थी कि उक्त थाना प्रभारी से बात कराओ। जिस पर वह डीआइजी समझ कर बात करा देते थे। बताया जा रहा है कि बात करने के बाद दलाल संबंधित थाना प्रभारी से व्हाट्स अप कॉल करने के लिए कहता था। माना जा रहा है कि एसीबी अभी पूर्व डीआइजी के एक राइडर व चालक से पूछताछ कर सकती है। एसीबी एएसपी पृथ्वीराज मीणा ने बताया कि टीम दलाल प्रमोद शर्मा को डीआइजी निवास पर लेकर गई थी और उससे निवास की जानकारी ली और वह कैसे फोन करता था इसके बारे में उससे पूछा। टीम ने पूर्व डीआइजी लक्ष्मण गौड के दौरान निवास पर तैनात रहे गार्डों से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। सूत्रों के अनुसार एसीबी ने दलाल कब-कब सरकारी निवास पर आया और वह क्या करता था आदि की जानकारी ली। वह कितने दिन निवास पर रहा और सरकारी गाड़ी का कहां जाने के लिए इस्तमाल किया।
जिले में और भी इलाकों को लेकर हो सकती है पूछताछ

बताया जा रहा है कि एसीबी जिस हिसाब से इस प्रकरण की जांच कर रही है, उससे नजर आ रहा है कि इस प्रकरण की जांच का दायरा अन्य प्रकरणों से भी जोड़ा जा सकता है। क्योंकि जिले में लंबे समय से पुलिस तंत्र में मंथली व भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में संभव है कि डेढ़ साल पुराने रूपवास, कामां, पहाड़ी के प्रकरणों को जोड़कर भी जांच की जा सकती है।
पुलिस अधिकारी साध रहे चुप्पी, रिकार्डिंग के डर से नहीं कर रहे बात

बताया जा रहा है कि इस प्रकरण के बाद तमाम एसएचओ व पुलिस अधिकारी भी बड़ी सावधानी बरत रहे हैं। क्योंकि उन्हें रिकार्डिंग का डर सता रहा है। इसलिए कुछ तो बात करने से ही कतरा रहे हैं। क्योंकि इस प्रकरण को लेकर दो एसएचओ ने रिकार्डिंग भी एसीबी को सौंपी है। हालांकि एसीबी के अधिकारियों ने उनकी जांच कराने का दावा किया है।
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