राज्य में पशुपालक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इनकी परेशानियों से निजात के लिए सरकार ने पशुपालक के्रडिट कार्ड जारी करने के साथ लोन की सुविधा दिलाने की गतिविधियां शुरू कर दी है, जिसे शीघ्र सुचारू कर दिया जाएगा। यह कार्ड बनने से पशुपालक बैंक से लोन प्राप्त कर सकेंगे।
गौरतलब है कि विभाग ने हाल में जिले में 05 लाख 21 हजार घरों का सर्वे किया था। सर्वे में घरों पर 07 लाख 67 हजार भैंस, 02 लाख 06 हजार गाय, 07 हजार 700 भेड़, 01 लाख 68 हजार बकरियां हैं। वहीं करीब 40 हजार पशुपालक मौजूद हैं। इन्हें क्रेडिट कार्ड बनने पर सरकार से नियम के तहत लोन की सुविधा मिल सकेगी। इसकी गाइड-लाइन भी निर्धारित है। इसके लिए विभाग ने एक भैंस पर 50 हजार, गाय पर 40 हजार रुपए व भेड़-बकरियों आदि पशुओं की लिमिट निर्धारित कर इन पर लोन देने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।
अब वहां से लोन प्रक्रिया तय की जाएगी। इसे लेकर हाल ही में कॉपरेटिव बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है। राज्य में पशुपालकों का परिवारों का जीवन-यापन पशुपालन पर निर्भर है। बीमारी. अंधड़, ओलावृष्टि व अन्य कारणों से पशुओं की मौत होने पर इनकी कमर टूट जाती है। जैसे किसानों की फसल चौपट होने पर कमर टूट जाती है। इस स्थिति में सरकार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से लोन की सुविधा देती है। इसी तर्ज पर पशुपालकों को पशुपालक के्रडिट कार्ड से लोन मिल सकेगा।
पशुपालन विभाग भरतपुर के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी का कहना है कि पशुपालकों को लोन की सुविधा देने के लिए पशुपालक क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। विभाग ने राज्य सरकार को पशुओं पर लोन देने की लिमिट बनाकर भेज दी है। जैसे निर्देश मिलेंगे वैसे ही कार्य होगा।
पशुपालन विभाग भरतपुर के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी का कहना है कि पशुपालकों को लोन की सुविधा देने के लिए पशुपालक क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। विभाग ने राज्य सरकार को पशुओं पर लोन देने की लिमिट बनाकर भेज दी है। जैसे निर्देश मिलेंगे वैसे ही कार्य होगा।