जानकारी के अनुसार डीग महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय का तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी शेरसिंह लुहाडिय़ा ने 9 व 15 जनवरी 2019 और 7 फरवरी 2019 को जिला कलक्टर भरतपुर के निर्देश पर औचक निरीक्षण किया था, जिसमें सीडीपीओ शैलेष कुमार अनुपस्थित पाए गए। इसी प्रकार कलक्टर के निर्देश पर बीडीओ रहे गोपाल बघेला ने भी 7 जून 2019 को निरीक्षण किया, जिसमें सीडीपीओ शैलेष अनुपस्थित मिले। एसडीएम व बीडीओ ने निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजिका में सीडीपीओ की अनुपस्थिति दर्ज की थी। सीडीपीओ शैलेष कुमार ने फ्रॉड कर अधिकारियों द्वारा पंजीका में दर्ज की अनुपस्थिति व क्रॉस पर हस्ताक्षर कर उक्त अनुपस्थितिकाल का वेतन भी उठा लिया।
दिखा दिया फर्जी निरीक्षण
सीडीपीओ फर्जकारी में यहीं नहीं रुके, इन्होंने इसी अनुपस्थितिकाल में आंगनबाडी केन्द्रों का फर्जी निरीक्षण दिखाते हुए कार्यालय के लिए अनुबंधित गाड़ी की फर्जी लॉग बुक भरकर हजारों रुपए का भुगतान गाड़ी संचालक के नाम उठाकर डकार लिया। जबकि निरीक्षण रिपोर्ट विभाग के राजधरा पोर्टल तथा आईसीडीएस भरतपुर के नाम अधिकृत गु्रप पर डाली जाती है। सीडीपीओ ने अनुपस्थितिकाल में जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण दिखाकर गाड़ी का बिल व वेतन उठाया है उसकी रिपोर्ट न तो राजधरा पर है और न ही आईसीडीएस गु्रप पर ही डाली गई है, जिससे सीडीपीओ का भ्रष्टाचार व फर्जकारी साफ दिखाई दे रही है।
इनका कहना है-
मैंने तीन बार निरीक्षण कर सीडीपीओ की अनुपस्थिति रजिस्टर में दर्ज की थी। अगर सीडीपीओ ने अनुपस्थिति रजिस्टर में काटछांट कर वेतन उठाया है तो यह गंभीर मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए।
-शेरसिंह लुहाडिय़ा, तत्कालीन एसडीएम डीग।
पोषाहार वितरण में समूूहों के अनुबंध में अनियमितताओं की जांच के लिए विभाग के डिप्टी डायरेक्टर भरतपुर को जांच के निर्देश दिये हंै।सीडीपीओ द्वारा फ्रॉड करने के मामले की जांच कराई जायेगी।
-साधुराम जाट, एसडीएम डीग
सीडीपीओ द्वारा मंत्री जी व मुझसे कोई रिश्तेदारी की अफवाह फैलाई जा रही है। वह मिथ्या है। डीग में अगर पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार हो रहा है तो इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
-सीएल वर्मा, विशिष्ट निजी सचिव मंत्री, महिला व बाल विकास विभाग जयपुर