यूनियन के अध्यक्ष विकास कुमार जैन व सचिव राजेश सिंह ने बताया कि कॉपरेटिव बैंक की जिले में 12 और धौलपुर में 04 शाखाएं हैं, जहां 38 कर्मचारी कार्यरत हैं, मगर सरकार ने 14 वर्ष से 13वां, 14वां व 15वें समझौते पर ध्यान नहीं दिया है।
इससे सरकारी कर्मचारी कम वेतन पर कार्य करने पर मजबूर हैं। इनका कहना है कि महंगाई बढ़ रही है, मगर वेतन में समय के अनुरूप बढ़ोतरी नहीं की गई। उन्होंने बताया कि राज्य के 33 जिलों में 29 केंद्रीय सहकारी बैंक हैं। इनमें से भरतपुर को 13वां, 14वां व 15वां समझौता लम्बित है। जबकि, टांक में 14वां व 15वां समझौता लागू कर रखा है।
वहीं शेष 27 सहकारी बैंकों में केवल 15वां समझौता लागू होने से रह गया है। जबकि भरतपुर में लागू ही नहीं किया गया। इसके चलते सहकारी बैंक कर्मचारियों ने बुधवार को बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन किया। धरने पर दो कर्मचारी मौजूद रहे। शेष ने काली पट्टी बांधकर कार्यालय में कार्य किया और विरोध जताया। सचिव का कहना है कि आठ फरवरी को बैंक कर्मचारी जयपुर में प्रांतीय धरना व महापड़ाव कर सरकार को मांग पहुंचाएंगे। फिर भी सुनवाई नहीं की तो 11 फरवरी को सभी सहकारी बैंकों में एक दिन के लिए राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे।
इनका कहना है कि वर्ष 2017-18 में बैंक का लाभ 243.45 लाख का रहा, जिस पर 111.78 लाख का आयकर भुगतान किया। फिर भी सरकार की नीतियों के कारण कर्मचारियों को समझौतों का लाभ नहीं नहीं दिया गया। यह स्थिति 14 वर्ष से है। इसलिए सहकारी बैंक के कर्मचारी कम वेतन पर कार्य करने पर मजबूर हैं।