इनमें से वास्तविक किसानों की पहचान करना मुश्किल है। यहां तो आधार लाओ और पोस मशीन पर अंगुलियों के निशान लगाकर खाद ले जाओ। मतलब इसकी खरीद पर कोई सीमा निर्धारित नहीं है। जबकि, खाद के उपयोग को सुनिश्चित करना चाहिए। यही वजह है कि अक्टूबर 2018 से 14 दिसम्बर तक करीब 02 लाख 24 हजार 26 लोगों ने 45817 मैट्रिक टन खाद, फॉस्फेट, डीएपी, पोटास व फर्टिलाइजर की खरीद कर ली है। जिले में किसानों की संख्या को देखते हुए लगभग खरीद हो चुकी है, फिर भी कतार जारी है।
जिले में 3 लाख 90 हजार हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जहां करीब 02 लाख 67 हजार किसान कृषि कार्य करते हैंं। रबी के सीजन में किसानों ने गेहूं, सरसों, जौ, चना, मसूड़, सब्जियों की बुवाई कर दी है। इस बार किसानों ने 01 लाख 44 हजार 885 हैक्टेयर में गेहूं, 02 लाख 3926 हैक्टेयर में सरसों, 1456 हैक्टेयर में जौ और 3771 हैक्टेयर में चना की बुवाई की है। अब खाद, डीएपी, पोटास, फर्टिलाइजर की जरूरत है। इसके लिए क्रय-विक्रय सहकारी समिति, ग्राम