यहां नहीं देख रहे मनमानी भले ही मनमानी का मुद्दा देश में गूंज रहा हो, लेकिन जिले में इसको लेकर कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है। कहने को तो जिला प्रशासन ने भी एम्बुलेंस की दरें तय कर दीं, लेकिन इसकी पालना हो रही है कि नहीं इसकी ओर देखने वाला कोई नहीं है। निजी अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के नाम पर मनमानी वसूली की जा रही है, लेकिन इसकी चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन के स्तर पर मॉनीटरिंग नजर नहीं आ रही है। इसी का नतीजा है कि निजी अस्पतालों की मनमानी चरम पर नजर आ रही है।
अब रेगूलेटरों की मारामारी, मतलब अफसरों में भय ऑडिट के आदेश के साथ ही अब आरबीएम अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए रेगुलेटरों की मारामारी भी शुरू हो गई है। बताते हैं कि अस्पताल में उपलब्ध वेंटीलेटरों की संख्या बढाने पर फोकस किया जा रहा है। ऐसा अब क्यों किया जा रहा है, यह बात भी सवाल खड़े रहे हैं। कहीं न कहीं अंदरखाने जांच का भय साफ दिखाई दे रहा है।
-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को ज्ञापन देकर मांग की गई थी। जहां सूचना आई है कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में पीएम केयर्स के तहत आवंटित वेंटीलेटर्स व अन्य सामान की ऑडिट कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही भरतपुर की जांच अलग से कराने का आग्रह किया गया था। क्योंकि सबसे बड़ा घोटाला भरतपुर में ही हुआ है। आम मरीजों के साथ मनमाने शुल्क वसूले गए हैं। इसमें जांच होना भी आवश्यक है ताकि जिम्मेदार व रसूख के दबाव में कौन-कौन दोषी है, उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके।
-रंजीता कोली, सांसद इधर, केरल हाईकोर्ट भी दे चुका है निर्णय, सरकारी दर पर इलाज करें निजी अस्पताल भरतपुर . केरल हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर सख्त लहजे में चेतावनी जारी है। हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों को सरकारी दर पर ही आमजन का इलाज करने की नसीहत दी है। इसके उलट यहां सरकारी स्तर पर इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि निजी अस्पतालों की मनमानी नहीं रुक रही है। केरल हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए करते हुए कहा कि निजी अस्पताल सरकार द्वारा तय दर पर ही कोरोना मरीजों का इलाज करेंगे। न्यायाधीश देवन रामचन्द्रन और कौसर ने कहा कि एक मरीज से निजी अस्पताल में पीपीई किट के 22 हजार रुपए ले लिए। अदालत ने कहा कि जो आदमी चंद हजार रुपए वह दो से तीन लाख रुपए का बिल देखेगा तो उस पर क्या गुजरेगी। संक्रमण किसी को भी हो सकता है, लेकिन निजी अस्पताल लूट मचा रहे हैं। अदालत यह बात सरकार द्वारा इलाज की दर करने के बाद निजी अस्पतालों द्वारा इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। केरल सरकार ने आदेश जारी किया है कि जनरल वार्ड के एक बेड के लिए 2645 रुपए का बिल बनेगा, जिसमें ऑक्सीजन, एक्सरे और डॉक्टरी सलाह सब शामिल हैं।