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भरतपुर में 260 दुल्हा-दुल्हनों की शादी पर संकट!

locationभरतपुरPublished: Oct 22, 2019 11:34:14 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से हाल में ही तीन मैरिज होमों को बंद कर दिया गया। जब मामला हाइकोर्ट में पहुंचा तो पिछले दो साल से नियमों का पालना का इंतजार कर रहे नगर निगम प्रशासन को भी याद आ गई। अब नियमों की पालना के लिए नगर निगम प्रशासन ने मैरिज होम संचालकों को नियमों का पाठ पढ़ाया है। साथ ही 15 दिन में नियमों की पालना नहीं होने सभी मैरिज होम बंद करने की चेतावनी दी है।

भरतपुर में 260 दुल्हा-दुल्हनों की शादी पर संकट!

भरतपुर में 260 दुल्हा-दुल्हनों की शादी पर संकट!

भरतपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से हाल में ही तीन मैरिज होमों को बंद कर दिया गया। जब मामला हाइकोर्ट में पहुंचा तो पिछले दो साल से नियमों का पालना का इंतजार कर रहे नगर निगम प्रशासन को भी याद आ गई। अब नियमों की पालना के लिए नगर निगम प्रशासन ने मैरिज होम संचालकों को नियमों का पाठ पढ़ाया है। साथ ही 15 दिन में नियमों की पालना नहीं होने सभी मैरिज होम बंद करने की चेतावनी दी है। इसको लेकर नगर निगम सभागार में मंगलवार को मैरिज होम संचालकों की बैठक हुई। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व नगर निगम ने उत्सव मैरिज होम, नमन मैरिज होम व कृष्णा मैरिज होम हाइकोर्ट के आदेश पर सील किया गया था। इन मैरिज होमों के खिलाफ कॉलोनी के लोगों ने ही रिट दायर की थी कि मैरिज होमों में शादियों के कारण उनका आम रास्ता बाधित हो जाता है। इसके बाद हाइकोर्ट ने सील की कार्रवाई के बाद नगर निगम से अन्य मैरिज होमों को लेकर जवाब मांगा था। जब नगर निगम के संबंधित अधिकारियों ने रिकॉर्ड खंगाला तो सामने आया कि अभी मैरिज होमों को लेकर नया बायलॉज बनने के बाद सिर्फ फौरी कार्रवाई की गई है। आनन-फानन में अब बैठक बुलाकर मैरिज होम संचालकों को नियम बताए गए तो एक और विवाद सामने आ गया। मैरिज होम संचालकों का आरोप है कि शहर में स्थित करीब 70 से अधिक मैरिज होमों में नवंबर से दिसंबर तक करीब 260 शादियों की सूची उपलब्ध है। शहर में एक भी स्थान पर 60 फीट की सड़क नहीं है तो मैरिज होम बंद होना तय है। ऐसे में यह शादियां भी नहीं हो पाएंगी। इससे बुकिंग कराने वाले आयोजकों व मैरिज होम संचालकों के बीच विवाद होना तय है। क्योंकि नगर निगम ने 25 बिंदुओं की जो गाइडलाइन जारी की है, उसे पूरा करना मैरिज होम संचालकों के लिए मुश्किल होता दिख रहा है।
रसूखदारों के दबाव में पौने दो साल से फुटबॉल बने नियम

अगर हकीकत की बात करें तो यह कहना मुश्किल नहीं होगा कि सारा खेल रसूखदारों के दबाव में अटका रहा। 2017 तक रजिस्ट्रेशन की फौरी कार्रवाई के बाद नया बायलॉज बनाया गया था लेकिन अधिकारी भी कागज-कागज खेलते रहे। इसका नतीजा यह रहा कि आज तक नियमों की पालना नहीं हो पाई। एक वर्ष पूर्व करीब 55 मैरिज होमों की फाइल व 20 हजार रुपए आवेदन शुल्क जमा करने के बाद सर्वे कराया गया था। इनमें करीब 25-26 मैरिज होम सही पाने की बात सामने आई थी लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। मतलब साफ है कि कहीं न कहीं खुद अधिकारी भी जानते हैं पर न तो रजिस्ट्रेशन किया जाता है और न ही सील करने की कार्रवाई।
ज्यादातर नियमों की नहीं हो सकती पालना

विवाह स्थलों के संचालन व सुरक्षा प्रबंधों की गाइडलाइन के अनुसार जितने भी नियम बने हुए हैं। उनमें से ज्यादातर नियमों की पालना मुश्किल है। चूंकि सालों से मैरिज होम नियमों को ताक पर रखकर निर्मित होते रहे और किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। जब 11 मई 2017 को सेवर रोड स्थित अन्नपूर्णा मैरिज होम में हुए हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई तो राज्य सरकार से लेकर नगर निगम के अधिकारियों को भी नियमों की पालना याद आ गई लेकिन कुछ समय गुजरने के बाद ही सभी पालना कराना भी भूल गए। मैरिज होम संचालकों का कहना है कि अब भी नियमों में बदलाव खुद नगर निगम कर सकती है।
संचालक बोले: जिला कलक्टर को सौंप देंगे मैरिज होमों की चाबियां

मैरिज होम संघ के अध्यक्ष सतीशचंद गुप्ता, जीतू, पंकज बंसल, अनिल गोयल ने बताया कि शहर में कहीं भी 60 फीट की सड़क नहीं है। पार्किंग स्थल जहां है वहां लोग वाहनों को खड़ा नहीं करते हैं। डेढ़ साल का समय गुजरने के बाद नगर निगम को नियमों की याद आई है। बायलॉज बनने के बाद 55 मैरिज होमों की फाइल व आवेदन शुल्क जमा कराया था। 26 मैरिज होमों को सर्वे में सही पाया गया था लेकिन रजिस्ट्रेशन आज तक नहीं किया गया। अगर ऐसे ही रहा तो मैरिज होम बंद कर चाबियां जिला कलक्टर को सौंप दी जाएगी। आगामी कुछ माह में ही 260 से अधिक शादियों की बुकिंग हो चुकी है। इससे विवाद की स्थिति बनेगी।
ये नियम बन रहे परेशानी

– सुरक्षा की दृष्टि से आने व जाने के दो रास्ते होने चाहिए।

-नगर निगम में सड़क की चौड़ाई 60 फीट तक होनी चाहिए।

-विवाह स्थल संचालक को सुविधाजनक एवं सुरक्षित पार्किंग स्थल न्यूनतम 25 प्रतिशत क्षेत्र में स्वयं के खर्चे पर उपलब्ध करानी होगी।
-विवाह स्थल का संचालन चिकित्सालय से 100 मीटर की परिधि में प्रतिबंधित होगा।

-नए बायलॉज के तहत मैरिज होमों में नियमों की पालना कराई जानी है। इसके लिए संचालकों की एक बैठक नगर
निगम में बुलाई गई थी। सभी को अवगत करा दिया गया है। 15 दिन का समय भी दिया गया है। उसके बाद आयुक्त के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
कुलदीप फौजदार
राजस्व अधिकारी, नगर निगम

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