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जैविक पद्धति से फसल होंगी रोग मुक्त

locationभरतपुरPublished: Dec 02, 2018 10:28:31 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. किसान को जैविक पद्धति से जहां आय में वृद्धि होगी वहीं फसल रोग मुक्त होंगी। इस पद्धति से सरसों व चना की फसल में लगने वाले कीट, खरपतवार और रोग से सुरक्षा मिलेगी, वहीं उपज में इजाफा होगा। जिले में 02 लाख किसान कृषि कार्य पर आधारित हैं।

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भरतपुर. किसान को जैविक पद्धति से जहां आय में वृद्धि होगी वहीं फसल रोग मुक्त होंगी। इस पद्धति से सरसों व चना की फसल में लगने वाले कीट, खरपतवार और रोग से सुरक्षा मिलेगी, वहीं उपज में इजाफा होगा। जिले में 02 लाख किसान कृषि कार्य पर आधारित हैं। किसान 8500 हैक्टेयर भूमि में चना और 70 हजार हैक्टेयर में सरसों की फसल करते हैं। अब किसान जैविक दवाओं का उपयोग कर फसल को सुरक्षित और रोग मुक्त करने में लगे हैं।
संभागीय संयुक्त निदेशक कृषि विभाग भरतपुर के देशराज सिंह ने बताया कि सरसों में चैंपा, खरपतवार लगने पर उसकी रोकथाम के लिए ग्रीन लसरिंग, लेडीज वर्ड विरल दवा उपयोग कर चैंपा को खत्म कर सकते हैं। सरसों में सफेद तनासडऩ, पादप गलन के लिए ट्रायकोडरमा दवा कर फसल को रोग मुक्त कर सकते हैं।
इसके उपचार के लिए ट्रायकोडरमा व बीटी दवा उपयोग में लेते हैं। चने में गिराड़ (लट) लगने पर एनपीवी जैविक का छिड़काव करते हैं और नीम आधारित दवाएं भी देते हैं। इससे किसानोंं की उपज में पांच प्रतिशत इजाफा होगा। किसान इस पद्धति का उपयोग करने लगे हैं।

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