ऑनलाइन की व्यवस्था ऋण वितरण में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से की गई है। इसमें किसान ई-मित्र पर पंजीयन कराकर दस्तावेजा के सत्यापन के बाद बायोमैट्रिक मशीन पर अंगुली का निशान लगाकर ऋण ले रहे हैं। ऐसे में 22 हजार 500 से अधिक किसानों को रबी की फसल पर 65 करोड़ का फसली ऋण वितरित कर दिया है और आगे भी प्रक्रिया जारी रहेगी।
जिले में 265 सहकारी ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं। इनसे जुड़े किसान सदस्यों को सैंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक फसली ऋण देती है। को-ऑपरेटिव ने इससे पहले 78 हजार किसानों को खरीफ पर 165 करोड़ रुपए का ऋण दिया था। अब जैसे-जैसे खरीफ की वसूली प्राप्त हो रही है वैसे ही रबी के लिए ऋण लेने वाले पंजीकृत किसानों को फसली ऋण दिया जा रहा है। बैंक को अब तक खरीफ की फसल का करीब 65 करोड़ रुपए प्राप्त हो गया है।
इस आधार पर रबी के लिए 22 हजार 500 किसानों को ऋण दिया है। वहीं रबी के लिए शेष पंजीकृत किसानों को भी ऋण दिया जाएगा। किसानों को 31 मार्च तक ऋण दिया जाएगा। ऑनलाइन नए पंजीकृत किसानों को 25 हजार रुपए के ऋण की सुविधा निर्धारित है। वहीं ऋण लेकर चुकता कर चुके पुराने पंजीकृत किसानों को अब 25 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ दिया जा रहा है। दूसरी ओर अब 185 ग्राम सहकारी समितियों में ई-मित्र संचालन के लिए लाइसेंस जारी हो गया है। किसानों को अब पंजीयन के लिए भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। किसानों को समितियों पर ही यह सुविधा मिल जाएगी।
भरतपुर में सैंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक बिजेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि रबी फसल के सीजन में 22 हजार से अधिक किसानों को ऑनलाइन व्यवस्था के तहत करीब 65 करोड़ का फसली ऋण वितरित कर दिया है। यह सुविधा 31 मार्च तक रहेगी।