सहकारिता विभाग के आला अधिकारियों का भी मानना है कि जिले में किसानों की ऋणमाफी में घोटाला हुआ है। लेकिन अधिकारियों का मानना है कि ये घोटाले ग्राम सेवा सहकारी समितियों व व्यवस्थापकों के स्तर पर हुए हैं। सहकारिता विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार रवीन्द्र गोयल ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि कई किसानों के नाम बिना ऋण लिए ही ऋणमाफी सूची में जोड़ दिए गए हैं।
परमदरा में धरने पर बैठे किसान जगमोहन ने बताया कि क्षेत्र के 390 किसानों के नाम ऋणमाफी सूची में शामिल किए गए हैं। जिनमें से करीब 8 0 फीसदी किसानों के नाम गलत जोड़े गए हैं। वहीं सीकरी, अघापुर आदि क्षेत्रों से भी किसानों की ओर से ऋणमाफी में गड़बड़ी होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। जानकारी के अनुसार ऋणमाफी सूची में जिलेभर के करीब 40 हजार किसानों के नाम शामिल किए गए हैं।
वर्जन
ऋणमाफी मामले की जांच की जा रही है। प्रारम्भिक जांच में सूची में कुछ गड़बडिय़ां सामने आई हैं। हाल ही में रजिस्ट्रार ने पूर्व की ऋणमाफी सूची को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। अब नए सिरे से सूची का प्रमाणीकरण किया जाएगा।
– रवीन्द्र गोयल, डिप्टी रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग, भरतपुर