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भरतपुर

कोरोना की दहशत के बीच डेंगू की एंट्री

अब तक 54 मरीज आए सामने

भरतपुरAug 11, 2022 / 01:22 pm

Meghshyam Parashar

कोरोना की दहशत के बीच डेंगू की एंट्री

कोरोना की दहशत के बीच डेंगू की एंट्री

भरतपुर . कोरोना की दहशत के बीच बदले मौसम में डेंगू ने तेज रफ्तार से एंट्री ली है। अब तक जुलाई माह में ही सात डेंगू पॉजिटिव सामने आ चुके हैं। हालांकि चिकित्सा विभाग इसे चिंताजनक नहीं बता रहा है, लेकिन डेंगू के बढ़ते मरीज लोगों की फिक्र जरूर बढ़ा रहे हैं। इस वर्ष की बात करें तो यह आंकड़ा 50 के पार जा पहुंचा है।
अक्सर बारिश का मौसम बीतने के बाद जमा पानी में मच्छर पनपने से डेंगू का डंक चुभता है, लेकिन इस साल की बात करें तो डेंगू का प्रकोप यहां बना ही रहा है। बड़ों के साथ नौनिहालों को डेंगू खूब चपेट में ले रहा है। पिछली साल की बात करें तो कोरोना के बाद डेंगू ने लोगों को खूब डराया था। हालांकि डेंगू भयाभय रूप नहीं ले। इसके लिए विभागीय स्तर पर इसे थामने के प्रयास शुरू हो गए हैं। विभाग की ओर से डेंगू के डंक को कुचलने के लिए आठ से 15 मई तक डेंगू रोगी अभियान चलाया गया। इसमें एएनएम एवं आशा सहयोगिनी को जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए डेंगू को थामने के निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रीय डेंगू दिवस (16 मई) से पूर्व चलाए जा रहे इस अभियान में मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया आदि बैैक्टेरिया जनित बीमारियों की रोकथाम पर गतिविधियां की जा रही हैं। इसके लिए गत वर्ष के मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया के केसेज के आधार पर हाइ रिस्क क्षेत्र भी चिह्नित किए गए हैं।
गंदगी बन रही बड़ी वजह

शहर सहित गांवों में चहुंओर बिखर पड़ी गंदगी मच्छर जनित बीमारियों को बढ़ावा देती नजर आ रही है। इसी का नतीजा है कि पिछले सात माह में भी डेंगू के केस नहीं थम सके हैं। शहर में नगर निगम और गांवों में ग्राम पंचायत सफाई के तमाम दावे कर रहे हैं। इसके बाद भी सफाई कहीं नजर नहीं आ रही। इसके दुष्परिणाम आमजन को बीमारियों के रूप में भुगतने पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि शहर में करोड़ों रुपए हर माह सफाई के नाम पर पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। इसके बाद भी सफाई नहीं हो पा रही है। इसकी बानगी मच्छरजनित बीमारियों के रूप में देखी जा सकती है।
डेंगू के गंभीर होने के संकेत

– लगातार उल्टियां होना
– नाक अथवा मुंह से रक्त स्राव
– रक्तचाप (बीपी) कम होना।
– पेट में अत्यधिक दर्द
– सांस लेने में कठिनाई होना
– लीवर में सूजन आना।
– शरीर में सूजन आना।
अत्यधिक थकावट होना।
– पेट-फेंफड़ों में पानी भरना।
किस माह कितने मिले मरीज

जनवरी 12
फरवरी 2
मार्च 9
अप्रेल 7
मई 5
जून 12
जुलाई 7
कुल 54


कहां कितने मरीज मिले

बयाना 6
भुसावर 10
डीग 4
नगर 4
नदबई 6
कुम्हेर 5
कामां 4
रूपवास 5
सेवर 4
भरतपुर शहर 4

इनका कहना है
डेंगू अभी इतना भयाभय नहीं है। एक-दो केस आए हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। टीम नियमित रूप से रोकथाम के उपाय कर रही हैं।

– डॉ. सुनील शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भरतपुर
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