गंदगी बन रही बड़ी वजह शहर सहित गांवों में चहुंओर बिखर पड़ी गंदगी मच्छर जनित बीमारियों को बढ़ावा देती नजर आ रही है। इसी का नतीजा है कि पिछले सात माह में भी डेंगू के केस नहीं थम सके हैं। शहर में नगर निगम और गांवों में ग्राम पंचायत सफाई के तमाम दावे कर रहे हैं। इसके बाद भी सफाई कहीं नजर नहीं आ रही। इसके दुष्परिणाम आमजन को बीमारियों के रूप में भुगतने पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि शहर में करोड़ों रुपए हर माह सफाई के नाम पर पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। इसके बाद भी सफाई नहीं हो पा रही है। इसकी बानगी मच्छरजनित बीमारियों के रूप में देखी जा सकती है।
डेंगू के गंभीर होने के संकेत – लगातार उल्टियां होना
– नाक अथवा मुंह से रक्त स्राव
– रक्तचाप (बीपी) कम होना।
– पेट में अत्यधिक दर्द
– सांस लेने में कठिनाई होना
– लीवर में सूजन आना।
– शरीर में सूजन आना।
अत्यधिक थकावट होना।
– पेट-फेंफड़ों में पानी भरना।
– नाक अथवा मुंह से रक्त स्राव
– रक्तचाप (बीपी) कम होना।
– पेट में अत्यधिक दर्द
– सांस लेने में कठिनाई होना
– लीवर में सूजन आना।
– शरीर में सूजन आना।
अत्यधिक थकावट होना।
– पेट-फेंफड़ों में पानी भरना।
किस माह कितने मिले मरीज जनवरी 12
फरवरी 2
मार्च 9
अप्रेल 7
मई 5
जून 12
जुलाई 7
कुल 54
कहां कितने मरीज मिले बयाना 6
भुसावर 10
डीग 4
नगर 4
नदबई 6
कुम्हेर 5
कामां 4
रूपवास 5
सेवर 4
भरतपुर शहर 4 इनका कहना है
फरवरी 2
मार्च 9
अप्रेल 7
मई 5
जून 12
जुलाई 7
कुल 54
कहां कितने मरीज मिले बयाना 6
भुसावर 10
डीग 4
नगर 4
नदबई 6
कुम्हेर 5
कामां 4
रूपवास 5
सेवर 4
भरतपुर शहर 4 इनका कहना है
डेंगू अभी इतना भयाभय नहीं है। एक-दो केस आए हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। टीम नियमित रूप से रोकथाम के उपाय कर रही हैं। – डॉ. सुनील शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भरतपुर