scriptखींचतान में उलझी ओवरलोड पर कार्रवाई, परिवहन विभाग पत्र भेजता रहा और खनिज विभाग चुप | Department kept sending letters and Mineral Department kept silent | Patrika News

खींचतान में उलझी ओवरलोड पर कार्रवाई, परिवहन विभाग पत्र भेजता रहा और खनिज विभाग चुप

locationभरतपुरPublished: Sep 28, 2020 03:28:59 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-ओवरलोड ई-रवन्ना व टीपी जारी करने वाले स्टोन क्रशर्स पर कार्रवाई का मामला -अब भी जनरेट हो रहे 55 से 60 टन तक के ई-रवन्ना, पत्र भेजकर भूले अधिकारी-वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर से ई-रवन्ना जारी करने का मामला

खींचतान में उलझी ओवरलोड पर कार्रवाई, परिवहन विभाग पत्र भेजता रहा और खनिज विभाग चुप

खींचतान में उलझी ओवरलोड पर कार्रवाई, परिवहन विभाग पत्र भेजता रहा और खनिज विभाग चुप

भरतपुर. ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का मामला अब भी परिवहन विभाग व खनि विभाग के बीच उलझा हुआ है। जहां एक विभाग पत्र भेजकर इतिश्री कर चुका है तो दूसरा विभाग जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ चुका है। यह पहला मामला नहीं है कि जब अधिकारी ओवरलोड के खिलाफ कार्रवाई करने के पीछे एक-दूसरे को तर्क दे रहे हैं। इससे पहले भी यह मामला रसूख के दबाव में उलझा ही रहता है। परिवहन विभाग की ओर से करीब दो माह के अंदर आठ से अधिक पत्र खनि विभाग को भेजे जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 29 अगस्त के अंक में ‘जिस गाड़ी से शहर में होता है एंटी लार्वा का छिड़काव, उसके नाम से जारी हो गया ई-रवन्नाÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद परिवहन विभाग ने संबंधित स्टोन क्रशर्स संचालकों को नोटिस भेजे थे। हकीकत यह है कि खनन क्षेत्रों में स्थित स्टोन क्रशर संचालकों की ओर से फर्जी ई-रवन्ना जनरेट कर ओवरलोड माल भरा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार वाहन में माल लादने के बाद ई-रवन्ना काटा जाता है। जैसे ही ई-रवन्ना काटने की प्रक्रिया शुरू होती है तभी ई-रवन्ना का सॉफ्टवेयर वाहन-4 से इंटरलिंक होने के कारण लोडिंग वाहन का रिकॉर्ड मिलान करता है। यदि गाड़ी में तय क्षमता से अधिक माल भरा गया है तो तुरंत वाहन-4 सॉफ्टवेयर से संबंधित वाहन के स्वामी का चालान काट देता है। इसके बाद गाड़ी प्रदेश अथवा देश के जिस भी जिले के परिवहन कार्यालय में पंजीकृत होगी और परमिट जारी किया होगा, ई-चालान सीधे उस कार्यालय में पहुंच जाएगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग की ओर से संबंधित रजिस्ट्रेशन नंबर वाली गाड़ी के मालिक को नोटिस भेजा जाता है। हाल में ही भुसावर के वाहन मालिक ने मामला दर्ज कराया था कि उसका वाहन गांव में था और ई-रवन्ना पहाड़ी इलाके में ओवरलोड जारी कर दिया। इस तरह के मामले पिछले लंबे समय से सामने आ रहे हैं। खनि विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
कब-कब लिखा परिवहन विभाग ने खनि विभाग को पत्र

-15 सितंबर 2020 को प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने खनि अभियंता खनिज विभाग को पत्र लिखा, इसमें उल्लेख किया कि कामां-पहाड़ी क्षेत्र में क्रशरों की ओर से ओवरलोड ई-रवन्ना/टीपी जारी की जा रही है। बार-बार आपको इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए भी पत्र लिखा गया है। नोटिस के जबाव में कुछ क्रशर मालिकों ने कहा है कि ओवरलोड ई-रवन्ना/टीपी राजस्थान सरकार के आदेश व पोर्टल से जारी किए गए हैं। आप बिंदू संख्या दो व तीन पर भी अपनी टिप्पणी से अवगत कराएं।
-25 अगस्त 2020 को भी खनि अभियंता को पत्र लिखा गया कि खनिज विभाग की वेबसाइट पर माह अगस्त 2020 में जारी ई-रवन्ना/टीपी की रिपोर्ट का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि काफी क्रशरों की ओर से क्षमता से अधिक अत्यधिक क्षमता के रवन्ना व टीपी जारी किए जा रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई करें व क्रशर मालिकों को पाबंद भी करें।
-31 अगस्त 2020 को क्रशर संचालकों की ओर से क्षमता से अधिक माल जारी करने व फर्जी नंबर प्लेट लगे वाहनों के रवन्ना/टीपी जारी करने के मामले में कार्रवाई को पत्र लिखा गया। इसमें उल्लेख किया कि माह जुलाई में 18197 वाहनों को क्षमता से अधिक माल जारी किया गया था। अगस्त माह में 2635 वाहनों को क्षमता से 20 टन से अधिक माल जारी किया गया। 4024 वाहनों को 10 से 20 टन अधिक व 12298 वाहनों को क्षमता से तीन से 10 टन अधिक माल जारी किया गया है। बहुत सारे प्रकरण फर्जी नंबर प्लेट से ई-रवन्ना/टीपी जारी करने के सामने आ चुके हैं।
-तीन सितंबर 2020 को भेजे पत्र में कहा है कि मांगने पर आपके कार्यालय की ओर से 31 अगस्त 2020 को 104 स्टोन क्रशर्स की सूची भेजी गई है। एक अगस्त से 31 अगस्त तक जारी ओवरलोड रवन्ना/टीपी रिपोर्ट के अनुसार क्षमता से अधिक माल की कुल 21093 रवन्ना/टीपी जारी की गई थी। रिपोर्ट का अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ कि इस कृत्य में कुल 3773 वाहन शामिल पाए गए। सभी क्रशर्स की ओर से कुल 230823 टन ओवरलोड माल जारी किया जाना प्रमाणित हुआ है। आपकी ओर से भेजी गई 104 स्टोन क्रशर्स की सूची में कुछ क्रशर्स दो-दो बार अंकित किए गए हैं। इस सूची में उन क्रशर्स के नाम शामिल नहीं है जिन्होंने अगस्त 2020 में रवन्ना/टीपी जारी की है। उदाहरण के तौर पर अल्फा नेचुरल व जयशिव मिनरल्स के नाम हैं, जिन्होंने ओवरलोड रवन्ना/टीपी जारी की, लेकिन उनका नाम आपकी सूची में नहीं है। इन क्रशर्स के खिलाफ कार्रवाई करें।

-हमारी ओर से संबंधित स्टोन क्रशर्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभाग को लगातार लिखा जा रहा है। बाकी डीटीओ राजीव चौधरी इस पूरे मामले को देख रहे हैं।

राजेश शर्मा
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी
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