संत विजयदास बाबा की अस्थि कलश रथ यात्रा शुरू बृज के धार्मिक पहाड़ कंनकाचल व आदिबद्री धाार्मिक तीर्थ के पहाड़ों पर हो रहे खनन कार्य को रूकवाने के लिए बृज के साधु संतों द्वारा किए जा रहे आन्दोलन के दौरान बाबा विजय दास बृज आत्मदाह कर लिया। जिनकी अस्थि व भस्म का कलश रथ यात्रा गुरुवार को मान मन्दिर बरसाना से गुरुकुल के बृज बालकों के साथ चलकर गोवर्धन पहुंची। जहां राधाकुण्ड के मुडिया बाबा साधु संतों के साथ यात्रा शुरू हुई। यहां गोवर्धन व बरसाना क्षेत्र के विभिन्न धार्मिक सरोवरों का जल एकत्रित कर अस्थि रथ पर विराजमान किया गया। मान मन्दिर के व्यवस्थापक ब्रजदास सुनील भैया ने बताया कि गुरुवार को अस्थि कलश रथ यात्रा गोवर्धन में पहुंचकर परिक्रमा करते हुए वापस बरसाना पहुंचेगी। उसके बाद शुक्रवार सुबह पांच बजे साधु संतों व गुरुकुल के बालकों के साथ अस्थि कलश रथ यात्रा मान मन्दिर बरसाना से शुरू होकर कामां के गांव सुनहरा, बझेरा, कामां के तीर्थराज विमल कुण्ड, गया कुण्ड होते हुए विरार, बरौलीधाऊ, आदिबद्री होते हुए पसोपा पहुंचकर शुक्रवार से शुरू होने वाली भागवत कथा की कलश यात्रा व अस्थि कलश यात्रा शामिल होगी। वहीं दूसरी ओर मान मन्दिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकान्त शास्त्री ने बताया कि अस्थि कलश रथ यात्रा किन्ही कारणों के चलते संक्षिप्त कर दिया गया है।