इसलिए है खतरा मदर मिल्क बैंक में दूध दान करने वाली माताओं का दूध मशीन के जरिए लिया जाता है, जिससे उन बच्चों की जिंदगी को संवारा जा सके, जिन माताओं का दूध नहीं उतरता है। अब यहां माताएं आ तो रही हैं, लेकिन उनका दूध नहीं लिया जा रहा। छत टूटी होने के कारण पानी रिसने एवं सर्दी के मौसम में नमी बहुत ज्यादा होने के कारण मशीन से दूध लेते समय वैक्टेरिया पनपने का खतरा बहुत ज्यादा है। इस सुरक्षा की दृष्टि से माताओं से दूध नहीं लिया जा रहा, जबकि जरूरतमंद इस ओर आंखें बंद किए बैठे हैं।
कुपोषित बच्चों की जिंदगी बचाने का जतन मदर मिल्क बैंक से मां का दूध मिलने से कुपोषित बच्चों को सर्वाधिक फायदा मिल रहा है। इसी उद्देश्य से इनकी स्थापना की गई थी। इससे शिशु मृत्यु दर रोकने में मदद मिल रही है। मां का दूध मिलने से बीमारी से जूझने वाले कुपोषित बच्चों का इम्युनिटी पॉवर (रोग प्रतिकार क्षमता) भी बढ़ बढ़ती है।
इनका कहना है
मामला मेरी जानकारी में है। छत का काम कल हो जाएगा। छत को पूरी तरह से दुरुस्त करा दिया जाएगा।
– डॉ. रूपेन्द्र झा, प्रभारी जनाना अस्पताल भरतपुर
मामला मेरी जानकारी में है। छत का काम कल हो जाएगा। छत को पूरी तरह से दुरुस्त करा दिया जाएगा।
– डॉ. रूपेन्द्र झा, प्रभारी जनाना अस्पताल भरतपुर