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जिला कलक्टर झूठे या मरीज…

locationभरतपुरPublished: May 16, 2021 04:58:23 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

जिला कलक्टर: सर्वे में जिले में निकले हैं 77 हजार आईएलआई मरीजमरीज: शिकायत के बाद मेडिकल किट के लिए बीएलओ दे रहे तारीख-कोविड-19 संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण का दावा, लेकिन निर्देश देने तक ही सीमित है अभियान, अभी तक नहीं हो रही प्रभावी मॉनिटरिंग

जिला कलक्टर झूठे या मरीज...

जिला कलक्टर झूठे या मरीज…

भरतपुर. जिला कलक्टर ने शनिवार को दावा किया है कि जिले में 77 हजार 33 आईएलआई मरीज निकले हैं। इनमें सर्वाधिक भरतपुर उपखंड में 22 हजार 360 मरीज मिले हैं। इन्हें मेडिकल किट का वितरण किया गया है। पत्रिका ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि शिकायत के बाद हकीकत यह है कि बीएलओ मरीजों को तारीख दे रहे हैं। किसी बीएलओ ने पार्षद तो किसी ने परिचित के यहां मेडिकल किटों को रखवा दिया है। ऐसे अगर किसी को किट की आवश्यकता है तो वह गुहार लगाते चक्कर काट रहे हैं। जबकि प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ और सिर्फ वाहवाही लूटने की कोशिश में जुटे रहे हैं। गौर करें तो हकीकत में इस सर्वे को सच्चाई के साथ कराया जाए तो इससे भी कहीं ज्यादा मरीज शहरी व ग्रामीण इलाके में निकल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो एसटीसी हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने जब बीएलओ को फोन किया तो उसने आनाकानी की। इसके बाद जिला कलक्टर से शिकायत की। इस शिकायत का भी कोई असर नहीं हुआ। क्योंकि यहां शिकायतों का कोई आधार ही पता नहीं किया जाता। दुबारा बीएलओ से बात की तो उसने सोमवार को मेडिकल किट पहुंचाने की बात कही।
बताते हैं कि जिले मेें कोविड-19 संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं चिकित्सा संस्थानों पर रोगियों को कम करने के लिए समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं विकास अधिकारियों ने जिलेभर में आईएलआई के रोगियों का सर्वे अभियान चलाकर चिन्हित किया। जिले के शहरी एवं ग्र्रामीण क्षेत्रों में बूथ स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय समितियों की ओर से आईएलआई रोगियों का सर्वे कर अभियान चलाकर चिकित्सा विभाग के सहयोग से चिन्हित रोगियों को घर-घर जांच कराके उनको घर पर ही दवाओं की किट उपलब्ध कराई गई। इससे ये रोगी घर पर ही उपचार हो जाने से जिला चिकित्सालय सहित उपखण्ड स्तरीय चिकित्सा संस्थानों पर रोगियों का दबाव कम रहा इससे गंभीर प्रकृति के रोगियों का उपचार बेहतर तरीके से किया जाना सम्भव हो सका।
कहां कितने आईएलआई मरीज निकले
जिलेभर में चलाये गये आईएलआई सर्वे अभियान में जिले के उपखण्ड क्षेत्रों में 6 लाख 33 हजार 313 परिवारों का सर्वे कर 77 हजार 33 आईएलआई रोगियों की पहचान की गई। इसमें उपखण्ड भरतपुर में 1 लाख 90 हजार 377 परिवारों में 22 हजार 360 रोगी, कुम्हेर में 19 हजार 850 परिवारों में से 7 हजार 864 रोगी, नदबई में 32 हजार 289 परिवारों में से 5 हजार 912 रोगी, डीग में 36 हजार 80 परिवारों में से 9 हजार 20 रोगी, नगर में 34 हजार 734 परिवारों में से 5 हजार 43 रोगी, कामां में 53 हजार 5 परिवारों में से 2 हजार 704 रोगी, पहाड़ी में 55 परिवारों में से 2 हजार 821 रोगी, बयाना में 88 हजार 939 परिवारों में से 10 हजार 28 रोगी, वैर में 32 हजार 105 परिवारों में से 2 हजार 290 रोगी, रूपवास में 43 हजार 456 रोगियों में से 5 हजार 442 रोगी एवं उपखण्ड भुसावर में 47 हजार 423 परिवारों में से 2 हजार 549 रोगियों का सर्वे कर मेडिकल किट उपलब्ध कराई गई।
बीएलओ को दें बीमारों की जानकारी
बताते हैं कि अगर किसी के घर एवं पड़ोस में रहने वाले या बाहर से आने वाले आईएलआई के लक्षण ग्रस्त व्यक्तियों के बारे में सर्वे टीम या बीएलओ को जानकारी दें जिससे उनका शीघ्र उपचार कराकर ठीक किया जा सके।

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