राजफैड के माध्यम से सहकारी समिति की ओर से कुम्हेर, कामां, बयाना, डीग, वैर, भरतपुर फल-सब्जी व सरसों मंडी, नगर में सरसों की खरीद गई। वहीं सीकरी, रूपवास, नदबई, रुदावल और रसिया में सरसों खरीद नहीं हुई। विभाग भी इसका कारण बताने से हिचकिचा रहा हैै। वैसे जिले से 33189 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है।
इनमें ऐसे भी किसान हैं जिन्होंने पंजीयन तो कराया लेकिन खसरा गिरदावरी की नकल नहीं लगाई। ऐसे किसानों को दोबारा पंजीयन के लिए 07 अप्रेल तक की तारीख निर्धारित की है। इस पेच में फंसे किसान सरसों बेचने से वंचित रह सकते हैं। फिलहाल मशक्कत जारी है। हो सकता है कि पहले दिन बहुत कम किसानों को मोबाइल पर मैसेज मिला हो। इसलिए प्रति केंद्र पर 4 से 5 किसान अपनी सरसों को बेचने के लिए पहुंचे। यही किसानों की रफ्तार धीमी होने का कारण है।
हालांकि सरसों की खरीद 01 अपे्रल से 30 जून तक होना निर्धारित है। तब तक राजफैड को क्रय-विक्रय केंद्रों के माध्यम से लगभग 07 लाख 100 क्विंटल सरसों खरीदनी है। भरतपुर राजफैड के क्षेत्रीय अधिकारी उमेशचंद शर्मा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर 13 केंद्रों पर सरसों की खरीद एक अपे्रल से शुरू होनी थी। पहले दिन आठ केंद्रों पर सरसों की खरीद हो सकी। शेष पांच केंद्रों पर तकनीकी खराबी आने से खरीद शुरू नहीं हो सकी है। इन पर भी शीघ्र शुरू हो जाएगी।