ऐसे में अस्पतालों के आउटडोर में उपचार कराने पहुंचे मरीजों व उनके परिजनों की भीड़ जमा हो गई। मरीज उपचार के लिए दो घंटे तक चिकित्सकों के लौटने का इंतजार करते रहे। वहीं बयाना में मरीजों के परिजन सड़कों पर उतर आए और चिकित्सकों के कार्यबहिष्कार के विरोध में रोड जाम कर दिया। ऐसे में मौके पर पुलिस पहुंची और लोगों की समझाइश कर जाम हटवाकर यातायात सुचारू करवाया। बाद में सुबह दस बजे चिकित्सकों के काम पर लौटने पर मरीजों व परिजनों ने राहत की सांस ली। हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं सुचारू रहीं।
आईएमए के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पेमेंट सीटों की व्यवस्था लागू कर दी है, एमसीआई के इलेक्टर्स मेम्बर को 75 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया, जो कि गलत है। इससे चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आएगी। इसी के विरोध में चिकित्सकों ने दो घंटे का कार्यबहिष्कार किया।