scriptपार्षद बोले: नाले साफ ही नहीं हुए फिर स्वच्छता सर्वेक्षण का क्या फायदा | Drains are not clean, then what is the use of the cleanliness survey | Patrika News

पार्षद बोले: नाले साफ ही नहीं हुए फिर स्वच्छता सर्वेक्षण का क्या फायदा

locationभरतपुरPublished: Jan 17, 2020 09:50:48 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-मेयर का दावा: अगले कुछ दिन में सुधरेगी व्यवस्था, फिलहाल स्वच्छता सर्वेक्षण पर काम करें

पार्षद बोले: नाले साफ ही नहीं हुए फिर स्वच्छता सर्वेक्षण का क्या फायदा

पार्षद बोले: नाले साफ ही नहीं हुए फिर स्वच्छता सर्वेक्षण का क्या फायदा

भरतपुर. नगर निगम की ओर से शुक्रवार को सभागार कक्ष में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर हुई बैठक में पार्षदों ने भी खासी नाराजगी व्यक्त की। कुछ पार्षदों ने कहा कि जब शहर के वार्डों में नालों की सफाई नहीं होने के कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो स्वच्छता सर्वेक्षण का फायदा क्या होगा। रैंक और अंक से नहीं बल्कि धरातल पर ही काम करने से जनता पसंद करेगी। बैठक में मेयर ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत सभी की सहायता से इस सर्वेक्षण में शहर को सर्वश्रेष्ठ अंक दिलाने के कोशिश करनी है। इलिए सभी नागरिक प्रतिभागी बनकर अपनी प्रतिक्रिया स्वच्छता एप, 1969 हेल्पलाइन नम्बर या स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 पोर्टल (http://Swachhsurvekshan2020.org) पर जाकर जरूर देवें। इसमें सवाल पूछे जाएंगे, जिनके जवाब देने पर सर्वे पूरा हो जाएगा। बैठक में पार्षद दाउदयाल शर्मा ने कहा कि वार्ड में नाले की सफाई नहीं होने के कारण पानी बाहर आ रहा है। दो दिन से नगर निगम प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण से कहीं अधिक जरूरी है कि सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। कुछ पार्षदों ने कहा कि कम से कम एक-दो दिन के लिए शहर में सफाई का विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। इसमें सभी संगठनों को भी शामिल करना चाहिए। ताकि पिछले साल की तर्ज पर एक दिन में ही शहर को साफ करने की मुहिम को साकार किया जा सके। पहले भी इस तरह का अभियान चलाने का फायदा शहर को मिलता रहा है। बैठक में मेयर अभिजीत कुमार कुमार, डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी आदि उपस्थित थे।
यह सवाल पूछे जाएंगे

स्वच्छता सर्वेक्षण किसी भी निकाय के लिए बहुत खास होता है। क्योंकि उससे शहर की सफाई व्यवस्था की हकीकत पूरे देश के सामने आती है। इसमें सात सवाल पूछे जाएंगे। क्या आप जानते है आपका शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भागीदारी कर रहा है, आप शहर में अपने आसपास की स्वच्छता को पिछले छह महीने के अनुभव के आधार पर 200 में से कितने अंक देना चाहेंगे, क्या आपसे हमेशा कचरा संग्राहक की ओर से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग देने के लिए कहा जाता है, क्या आपके शहर में सड़कों के डिवाइडर पर पौधों या हरी घास लगाए गए हैं। आपके शहर में सार्वजनिक शौचालय की स्वच्छता को पिछले छह महीने के अनुभव के आधार पर 200 में से कितने अंक देना चाहेंगे। क्या आपको शहर के ओडीएफ अर्थात खुले में शौच से मुक्त या जीएफसी अर्थात कचरा मुक्त शहर के स्टेटस के बारे में जानकारी हैं ?

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