scriptपार्ट व टायर के अभाव में कई माह से वर्कशॉप में खड़ी हैं दर्जनभर रोडवेज बसें, कई हो गईं कंडम | Due to the absence of parts and tires, dozens of roadways buses stand | Patrika News

पार्ट व टायर के अभाव में कई माह से वर्कशॉप में खड़ी हैं दर्जनभर रोडवेज बसें, कई हो गईं कंडम

locationभरतपुरPublished: Mar 12, 2019 10:03:00 pm

Submitted by:

shyamveer Singh

भरतपुर. रोडवेज के भरतपुर व लोहागढ़ आगार में करीब दर्जनभर से अधिक बसें टायर, पाट्र्स के अभाव में कई-कई माह से ऑफरोड खड़ी हैं। बीते कई माह से भरतपुर कार्यशाला में बसों के टायरों की सप्लाई नहीं हुई है। साथ ही जरूरी पाट्र्स भी उपलब्ध नहीं होने की वजह से बसों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।

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भरतपुर. रोडवेज के भरतपुर व लोहागढ़ आगार में करीब दर्जनभर से अधिक बसें टायर, पार्ट के अभाव में कई-कई माह से ऑफरोड खड़ी हैं। बीते कई माह से भरतपुर कार्यशाला में बसों के टायरों की सप्लाई नहीं हुई है। साथ ही जरूरी पार्ट भी उपलब्ध नहीं होने की वजह से बसों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। मजबूरन बीते कई माह से बसें ऑफरोड खड़ी हैं। वहीं इस संबंध में कार्यशाला के अधिकारियों द्वारा कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है बावजूद इसके टायर व पार्ट सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। वहीं कई बसें पुराने टायर व अन्य खराबी की वजह से बीच रास्ते ही हांफ जाती हैं।

धक्का देकर करनी पड़ी स्टार्ट
केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर यात्रियों की जबर्दस्त भीड़ थी। एक बस यात्रियों से ठसाठस भरी हुई थी। लेकिन जैसे ही बस स्टार्ट करने के लिए सैल्फ दबाया तो बस स्टार्ट ही नहीं हुई। ऐसे में बस के परिचालक व स्टैण्ड पर मौजूद अन्य कर्मचारियों व यात्रियों ने धक्का देकर बस स्टार्ट की।

तीन माह से पार्ट का इंतजार
भरतपुर कार्यशाला में आठ बसें बीते करीब तीन माह से ऑफरोड खड़ी हैं। इन बसों में पार्ट व टायर आदि की जरूरत है। लेकिन कार्यशाला में पार्ट व टायर की उपलब्धता नहीं होने की वजह से इन बसों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार कार्यशाला में अक्टूबर 2018 के बाद से टायरों की सप्लाई नहीं हो पाई है। वहीं लोहागढ़ कार्यशाला में टायर के अभाव में दो बस ऑफरोड खड़ी हैं।

दोनों कार्यशाला में 27 बस कंडम
जानकारी के अनुसार लोहागढ़ कार्यशाला में 15 व भरतपुर आगार में 12 बस कंडम हालत में खड़ी हैं। दोनों आगार के उच्चाधिकारियों द्वारा बसों की मरम्मत आदि के लिए पार्ट आदि की सप्लाई को लेकर गम्भीरता नहीं बरती जा रही। जिससे धीरे-धीरे बसें ऑफरोड व कंडम होती जा रही हैं।
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