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विरासत हो रही ‘धूल’ सरकार ज्ञान को बैठी भूल

locationभरतपुरPublished: Mar 11, 2023 10:18:30 pm

Submitted by:

Deenbandhu Vashisth

हिन्दी साहित्य समिति की नई कमेटी बनी, बजट में भी अनुदान मिला, लेकिन हालात अब भी बदत्तर

विरासत हो रही ‘धूल’ सरकार ज्ञान को बैठी भूल
विरासत हो रही ‘धूल’ सरकार ज्ञान को बैठी भूल
भरतपुर. शर्म की बात है। शहर की समृद्ध ज्ञान रूपी विरासत धूल में धूमिल हो रही है। बंद आलमारियों में किताबों के पन्ने सड़ रहे हैं। और तो और संरक्षण और संवद्र्धन के लिए झोली फैलाने के बावजूद कुछ नहीं मिलने पर अब यह ज्ञान का भंडार बाजार में नीलाम होने खड़ा है। लेकिन इस ज्ञान के मंदिर के दर्शन करने की ुरसत हमारे अफसरों को भी नहीं है। डीएम साहब भी शुक्रवार सुबह शहर के अंदर मंदिर के दर्शन करने पहुंचे, लेकिन ज्ञान के मंदिर को देखने की फुर्सत इन्हें भी नहीं मिली।
बता दें शहर की विरासतकालीन हिन्दी साहित्य समिति मेें करीब 33 हजार 437 पुस्तकें हैं। इसके अलावा 17 वीं शताब्दी से लेकर 20 शताब्दी तक की पांडुलिपियां हैं। इनमें वेद, उपनिषद, कर्मकांड, पुराण, गीता, रामायण, महाभारत से लेकर चिकित्सा आयुर्वेद, ज्योतिष गणित, चित्रकला, राजनीति, शिक्षा, मनोविज्ञान से लेकर बालकोपयोगी किताबें भी हैं। लेकिन संरक्षण के अभाव में इन किताबों के पन्ने जर्जर हो रहे हैं। कई किताबें गल चुकी हैं।
नई कार्यकारिणी बनी, फिर भी हालात बदत्तर
हद तो तब हो गई है, जब हिन्दी साहित्य समिति को नीलाम करने के नोटिस बार-बार लगाए जा रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार में जिम्मेदार पदों पर बैठे मंत्री से लेकर शहर के आला अफसर चुप है। जबकि राज्य सरकार हिन्दी साहित्य समिति की पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर दिसम्बर में नई कमेटी बना चुकी है। नई समिति में जिला कलेक्टर को अध्यक्ष एवं मेयर पर सचिव की जिम्मेदारी है।
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