scriptआठ वर्ष बाद आदेश मिले तब हुई पशुगणना | Eight years after the order was received, the cattle count | Patrika News

आठ वर्ष बाद आदेश मिले तब हुई पशुगणना

locationभरतपुरPublished: May 03, 2019 04:03:13 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. देरी से की गई पशुगणना में पहले के मुकाबले अब दुधारू पशुओं की संख्या घटी है।

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भरतपुर. देरी से की गई पशुगणना में पहले के मुकाबले अब दुधारू पशुओं की संख्या घटी है। गौरतलब है कि जिले में दुधारू पशुओं की गणना वर्ष 2011 में की गई थी। इसके बाद पशुपालन विभाग ने निर्देश नहीं मिलने की स्थिति में आठ वर्ष तक पशुओं की गणना नहीं कराई। अब वर्ष 2019 में पशुओं की गणना कराई, जहां भैंसों की संख्या 35 हजार कम और गायों की संख्या में 32 हजार का इजाफा दर्ज किया गया।
वैसे तो नियम के अनुसार पांच वर्ष में पशुओं की गणना होनी चाहिए, लेकिन पशुपालन निदेशालय जयपुर और राजस्व मंडल अजमेर से निर्देश नहीं मिलने की स्थिति में आठ वर्ष तक सर्वे नहीं किया जा सका। विभाग ने वर्ष 2011 में जो गणना की थी उसमें करीब 04 लाख 22 हजार 458 से अधिक घरों को सर्वे किया था, जहां लोगों के पास लगभग 10 लाख भैंस और 1.66 लाख गाय पाई गई। अब गणना में स्थिति उलट है।
वर्षों बाद पशु गणना के निर्देश मिले तो स्थिति उलटकर सामने आई। अब 05 लाख 13 हजार 125 घरों का सर्वे किया गया, जो पहले से ज्यादा थे। इनमें 09 लाख 65 हजार भैंस गिनती में सामने आई। वहीं गाय 01 लाख 98 हजार पाई गई। इस हिसाब से पहले के मुकाबले भैंस 35 हजार कम और गाय 32 हजार ज्यादा पाई गईं। वहीं अन्य भेड़, बकरी, ऊंटों आदि की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं था। सूत्रों का कहना है कि वर्षों बाद हुए सर्वे में टीम ने करीब डेढ माह में घर-घर जाकर दुधारू पशुओं की गणना की। आंकड़े जुटाए तो भैंसवंश कम और गायों की संख्या में बढ़ोतरी पाई गई।
पशुपालन विभाग भरतपुर में संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी का कहना है कि जिले में पशु गणना का कार्य पूरा हो चुका है। यह निदेशालय और राजस्व मंडल अजमेर के निर्देश पर किया था। गणना में भैंस की संख्या कम और गायों में इजाफा रहा है। जैसे निर्देश मिलते हैं तब ही पशु गणना की जाती है।
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