जिले में 22 छात्रावास हैं, जहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को बेहतर पढ़ाई के लिए राज्य सरकार नि:शुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इसके तहत वर्ष 2019-20 में विद्यालय व कॉलेजों में प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों में कुल 1070 सीट निर्धारित की गईं। इन पर अब तक जिले से 1295 विद्यार्थियों ने आवेदन कर दिए हैं।
स्थिति ये है कि डीग में 50 सीटों पर 102, स्कूल स्तर पर सावित्रीवाई फुले छात्रावास में 50 सीटों पर 108, बयाना में 50 सीटों पर 92 बच्चों ने आवेदन किया है। इस तरह अब तक कुल 1295 आवेदन किए गए हैं। ऐसे में विभाग अब मैरिट से निर्धारण किया जाएगा।
प्रवेश में भी नियम अनिवार्य हैं। इसमें परिवार की आय आठ लाख रुपए सालान से अधिक ना हो, जिस छात्रावास में प्रवेश ले रहा है उसकी दूरी अपने गांव से पांच किलोमीटर सीमा में होनी चाहिए। वहीं विद्यालय या कॉलेज में अध्ययनरत हो। वहीं उत्तीर्ण कक्षा में कम से कम 40 प्रतिशत अंक हों। तब प्रवेश के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एक बच्चे पर दो हजार रुपए मासिक खर्च करता है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग भरतपुर में उपनिदेश्क राजेंद्र शर्मा का कहना है कि नए सत्र में छात्रावासों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विद्यार्थी आवेदन कर रहे हैं। निर्धारित सीटों से अधिक आवेदन आने पर मैरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।