उन्होंने कहा कि यह मेला अक्टूबर 1920 से शुरू होकर आज तक उत्तरोत्तर बड़ा स्वरूप ले चुका है। वहीं शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। यह घरेलु सामान की एक छत होने के साथ पशुओं को खरीदने व बेचने का केंद्र भी हैं। उन्होंने कहा कि मेलों के आयोजनों से आपसी भाईचारा एवं सामाजिक समरसता का विकास होता है। उन्होंने कहा मेले से स्थानीय कलाकारो, कारीगरों एवं लघु उद्योगकर्मियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर मिलते रहे है। उन्होंने रंगीन फव्वारे आसमान में छोड़े। इससे पूर्व ध्वजारोहण में स्कूली बालिकाओं ने राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी।
इसके बाद उन्होंने पशुपालन विभाग, पीएनबी, कृषि विभाग, आयुर्वेद, चिकित्सा व अन्य वभागों की लगी प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनके स्टॉल का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने पंजाब नेशनल बैंक के सचल एटीएम वैन का शुभारम्भ किया। मीडिया प्रभारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने बताया कि तीन से शुरू हुआ मेला 12 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।
इसके बाद उन्होंने पशुपालन विभाग, पीएनबी, कृषि विभाग, आयुर्वेद, चिकित्सा व अन्य वभागों की लगी प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनके स्टॉल का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने पंजाब नेशनल बैंक के सचल एटीएम वैन का शुभारम्भ किया। मीडिया प्रभारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने बताया कि तीन से शुरू हुआ मेला 12 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।