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व्यापारी बोले: कलक्टर साहब हमें सरकार नहीं देती तनख्वाह, दुकान से चलता है परिवार

locationभरतपुरPublished: Jun 04, 2021 04:16:13 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-व्यापारियों की समस्या का तीसरे दिन भी नहीं निकला हल, बाजार बंद रखकर जताया विरोध, परचून व्यापारियों ने दिया समर्थन

व्यापारी बोले: कलक्टर साहब हमें सरकार नहीं देती तनख्वाह, दुकान से चलता है परिवार

व्यापारी बोले: कलक्टर साहब हमें सरकार नहीं देती तनख्वाह, दुकान से चलता है परिवार

भरतपुर. कोरोनाकाल में शहर समेत जिलेभर के व्यापारियों के लिए परिवार चलाना ही नहीं बल्कि किश्त चुकाना, बिजली बिल भरना तक मुश्किल हो गया है। अभी तक सरकार ने व्यापारियों के हित में एक निर्णय तक नहीं लिया है। यही कारण है कि खुद के व्यापार को समुचित तरीके से चलाने के लिए उन्हें ही आंदोलन करना पड़ रहा है। व्यापारी व जिला प्रशासन के बीच शुक्रवार को दूसरे दिन भी समस्या का हल नहीं निकल सका है। जहां प्रशासन ने व्यापार महासंघ के प्रस्ताव को गृह विभाग भेजकर इतिश्री कर ली है तो वहीं अभी तक प्रस्ताव को लेकर सरकार ने भी कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया है।
व्यापार महासंघ के शहर अध्यक्ष भगवानदास बंसल ने बताया कि दुकानों को खोलने की व्यवस्था दो जून से आठ जून तक सुबह छह बजे से 11 बजे तक है। इसमें जिन कस्बों में मुख्य बाजार पूर्व से पश्चिम दिशा में स्थित है वहां दो जून से पूर्व दिशा के बाजार, तीन जून को पश्चिम दिशा के बाजार, चार जून को दुबारा पूर्व दिशा के बाजार की दुकानें खोली जाएंगी। उत्तर से दक्षिण दिशा में स्थित बाजारों में दो जून से उत्तर दिशा की दुकानें, तीन जून को दक्षिण दिशा की दुकानें, चार जून को दुबारा उत्तर दिशा की दुकानें खोली जाएंगी। खाद्य पदार्थ एवं किराने के सामान से संबंधित खुदरा दुकानें पूर्व की तरह मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार को सुबह छह बजे से सुबह 11 बजे तक खोली जाएंगी। यह निर्णय खुद जिला प्रशासन ने ही लिया है। व्यापारियों ने इसको लेकर कोई सहमति नहीं दी थी। उस बैठक में भी कोई निर्णय नहीं हुआ था। इसलिए दूसरे दिन भी व्यापारियों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद जिला व्यापार महासंघ की बैठक जिलाध्यक्ष संजीव गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि परचून एवं किराना संघ के अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने भी लिखित में पत्र देकर आंदोलन को समर्थन दिया है। अब परचून व्यापारी भी आंदोलन में साथ देंगे। बैठक में मोहनलाल मितल, जिला महामंत्री नरेंद्र गोयल, संतोष खंडेलवाल, विपुल शर्मा, बंटू भाई, अशोक शर्मा, प्रदीप शर्मा, विनोद अरोड़ा, प्रवीण अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
व्यापारी बोले: दुकानों में माल खराब हो रहा, कौन करेगा भरपाई

व्यापारियों ने बताया कि कपड़ा, इलेक्ट्रोनिक्स, ऑटो मोबाइल, जनरल स्टोर समेत हर वर्ग के व्यापारी का सामान दुकानों में भरा हुआ है। शादियों के सीजन के कारण भी माल अतिरिक्त खरीदा गया था, लेकिन उसी दौरान कोरोना के चलते लॉकडाउन के लग गया। यह सच है कि कोरोना ने जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। व्यापारियों ने भी सरकार व प्रशासन का तन, मन व धन से पूरा सहयोग दिया है। अब व्यापारियों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा। हर माह बिजली बिल भरने के लिए भी जमा पूंजी खर्च करनी पड़ रही है। पिछले डेढ़ साल से व्यापारी वर्ग यह दंश झेल रहा है। सरकार की ओर से व्यापारियों को वेतन नहीं दिया जाता है बल्कि मेहनत के दम पर व्यापारी दुकान से ही परिवार का गुजारा करते हैं। अगर यह व्यापार नहीं चलेगा तो व्यापारी वर्ग कहां जाएगा।
व्यापारियों की यह है मांग

जो दुकानें अति आवश्यक वस्तुओं खाद्य पदार्थ एवं किराने के सामान से सम्बन्धित खुदरा दुकानें की 45 दिन से खुल रही हैं, उनके लिए सुबह 6 बजे से 11 बजे तक का समय रखा जाए।
जिन ट्रेड की दुकानें अभी तक नहीं खुलती थीं, उनको दोपहर 12 बजे शाम 5 बजे तक खोलने का समय रखा जाए।

31 मई की गाइडलाइन के अनुसार बाजार खोलने का समय सुबह 6 बजे से 11 बजे तक रखा गया है, जबकि गत वर्ष पिछले लॉकडाउन में बाजार को प्रात: 6 बजे से दोपहर 3 बजे तक खोला गया था। इस पर विचार करते हुये बाजार खोलने के समय को बढ़ाया जा सकता है।
बाजार को फुल टाइम प्रात: 7 बजे से सांय 7 बजे तक या इससे अधिक भी समय तक खोला जाकर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जा सकती है।

भरतपुर का व्यापारी निम्न स्तर का व्यापारी है, वह बैंक ब्याज, बिजली का बिल नल का बिल,बच्चों की फीस, स्टाफ का खर्चा व दुकान का खर्चा वहन करने की स्थिति में नहीं है। उनकी ओर से व्यापारी को भी राहत के रूप में कुछ राहत पैकेज दिए जाने के लिए भी कहा है।

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