जिले में राजफैड के माध्यम से क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समिमि व फल-सब्जी मंडियों सहित 13 केंद्र स्थापित किए हैं। इनमें से सीकरी में सरसों की खरीद शुरू नहीं हो सकी है। क्योंकि,आईडी नहीं दी गई है। इसलिए 12 केंद्रों पर ही खरीद हो रही है। जहां सरसों की ढेरियां लग रहीं हैं, लेकिन इक_ी ढेरियों के उठाव कर भंडारण नहीं किया जा रहा।
ऐसे में बारिश, ओलावृष्टि या आंधी आने पर नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।गौरतलब है कि एक किसान 25 क्विंटल सरसों को 4200 रुपए समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकता है। वह भी खसरा गिरदावरी सहित पंजीयन कराने वाला किसान होना चाहिए। जिन किसानों ने पंजीयन करा लिया है, लेकिन खसरा गिरदावरी की नकर जमा नहीं कराई है ऐसे किसानों का दोबारा पंजीयन के लिए सात अप्रेल तक निर्धारित की है।
यहां भी किसान मायूस नजर आ रहे हैं। इसका कारण खरीद केंद्रों की क्षमता पूरी होना माना जा रहा है। ऐसे में गिरदावरी नकल नहीं लगाने वाले और नया पंजीयन कराने वाले किसान परेशान नजर आ रहे हैं। माना जाता है कि केंद्रों पर खरीद क्षमता पूरी हो चुकी है। राजफैड भरतपुर के क्षेत्रीय अधिकारी उमेशचंद शर्मा का कहना है कि जिले में 12 केंद्रों पर सरसों की खरीद हो रही है। सीकरी में नहीं हो सकी, क्योंकि वहां आईडी नहीं दी गई है। कई बार पत्र लिख चुके हैं। वहीं जिस केंद्र पर क्षमता पूरी हो चुकी है वहां कैसे खरीद होगी। हम कुछ नहीं कह सकते।