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एक वर्ष की उलझन के बाद किसानों को मिलेगा 430 करोड़ का ऋण

locationभरतपुरPublished: Jun 04, 2021 04:27:48 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-अटका हुआ था ऋण का मामला, दी भरतपुर सैंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड

एक वर्ष की उलझन के बाद किसानों को मिलेगा 430 करोड़ का ऋण

एक वर्ष की उलझन के बाद किसानों को मिलेगा 430 करोड़ का ऋण

भरतपुर. राज्यमंत्री परिषद् की बैठक में चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने भरतपुर-धौलपुर जिलों के किसानों को सहकारी बैंकों से फसली वितरण का मुद्दा उठाया। जिस पर सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना ने तत्काल फसली ऋण वितरण कराने के निर्देश दिए। निर्देश के बाद गुरुवार से भरतपुर-धौलपुर जिलों के किसानों को 430 करोड़ रुपए के ऋणों का वितरण शुरू हो गया। प्रथम दिन 10 हजार 230 किसानों को 25 करोड 38 लाख रुपए के ऋण वितरित कर दिए हैं। डॉ. गर्ग ने बताया कि ऋण वितरण के लिए शीर्ष सहकारी बैंक ने भरतपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक को पर्याप्त राशि उपलब्ध करा दी है साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 में अल्पकालीन फसली ऋण के विरुद्ध पुनर्भरण के लिए 258 करोड़ रुपए की साख सीमा भी स्वीकृत कर दी गई है। ज्ञातव्य रहे कि बैंक के संचालक मण्डल की ओर से गलत निर्णय लिए जाने के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में फसली ऋणों का किसानों को वितरण नहीं हो सका और बैंक भी निरन्तर घाटे में जा रहा था।
इधर, दी भरतपुर सैंट्रल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड की विशेष साधारण सभा का वर्चुअल माध्यम से आयोजन किया गया। पिछले कुछ समय से बैंक संचालक मंडल की ओर से बैंक एवं कृषक विरोधी कार्यों, निर्णयों के कारण बैंक का कार्य बाधित हो रहा था तथा बैंक संचालक मंडल की ओर से बैंक हित के प्रस्तावों पर निर्णय लेने में आनाकानी की जा रही थी। प्रबंधन निदेशक की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा है कि बैंक अध्यक्ष भीमसिंह का पिछले कुछ वर्षों से बैंक के प्रबंध निदेशकों के साथ लगातार विवाद रहा है। संचालक मंडल की विवादित कार्यशैली के कारण कार्यालय रजिस्ट्रार, सहकारी समितियों, राजस्थान जयपुर की ओर से संचालक मंडल के तीन प्रस्तावों को स्टे किया गया है तथा तत्कालीन जिला कलक्टर नथमल डिउेल की ओर से भी अद्र्धशासकीय पत्र लिखकर रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर को बैंक संचालक मंडल को हटाने के लिए अनुशंषा की जा चुकी है।
बार-बार स्थगित हो रही थी कोरम के अभाव में बैठक

संचालक मंडल व प्रशासकीय वर्ग के बीच उलझन के कारण बार-बार साधारण सभा की बैठक स्थगित हो रही थी। ऐसे में संचालक मंडल की ओर से बैंक हित के प्रस्तावों पर निर्णय नहीं लिया गया तो राज्य सरकार नले कोविड महामारी को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान राज्य सहकारी अधिनियम एवं नियम 2003 के तहत बैंक की विशेष साधारण सभा वर्चुअल माध्यम से करने के निर्देश बैंक प्रबंधन को दिए गए। इस पर तीन जून को यह बैठक कर निर्णय पारित किया गया। बैठक में सदस्यों की ओर से बहुमत के आधार पर निर्णय लेकर बैंक के वर्ष 2021-22 के बजट का प्रस्ताव पारित किया गया।
किसानों को मिलेगा लाभ, क्योंकि कोरोना ने तोड़ी कमर

सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं नगर निगम के मनोनीत पार्षद बृजेंद्र चीमा ने बताया कि जहां पिछले कुछ साल से प्राकृतिक आपदाओं के बीच किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना पड़ा है। साथ ही इस बार कोरोना ने किसानों की कमर तोड़ दी है। इसलिए पिछले दिनों पत्र लिखकर संचालक मंडल से भी निर्णय लेने की मांग की गई थी। इसके अलावा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को भी अवगत कराया गया था। ऋण मिलने से किसानों को काफी हद तक राहत मिल सकेगी।
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