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किसानों को खाद की चिंता से मिलेगी मुक्ति

locationभरतपुरPublished: Dec 13, 2018 09:36:21 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. रबी की फसल के सीजन में किसान अपने खेत-खलिहानों में बुवाई कार्य कर चुके हैं, अब इन्हें खाद की जरूरत है। चूंकि, हर बार किसानों को खाद की किल्लत से जूझना पड़ता है।

bharatpur in farmer compositing

farmer compositing in bharatpur

भरतपुर. रबी की फसल के सीजन में किसान अपने खेत-खलिहानों में बुवाई कार्य कर चुके हैं, अब इन्हें खाद की जरूरत है। चूंकि, हर बार किसानों को खाद की किल्लत से जूझना पड़ता है। इस बार बुवाई कार्य समाप्त होते-होते खाद आवंटन की डिलिवरी संभाग मुख्यालय पर पहुंचा दी गई है। अब जिले में 2 लाख से अधिक कसानों को 56 हजार मैट्रिक टन खाद उपलब्ध कराया जाएगा।
जिले में 3 लाख 90 हजार हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जहां 02 लाख 67 हजार किसान कृषि कार्य पर निर्भर हैं। किसान रबी की फसल में गेहूं, सरसों, जौ, चना, सब्जियों की फसल की बुवाई कर दी है। गौरतलब है कि नवम्बर लगते ही रबी की फसल का सीजन शुरू हो जाता है। ऐसे में सरकार खाद का आवंटन जिले बाइज कंपनियों के माध्यम से क्रय-विक्रय, ग्राम सहकारी समिति व निजी विके्रताओं को करती है। यहां से किसान 45 किलोग्राम खाद 266 रुपए में मिलता है।
कृषि विभाग भरतपुर के उपनिदेशक राजेश शर्मा का कहना है कि लक्ष्य और आवंटन सरकार निर्धारित करती है। वर्ष 2017 में 52 हजार 349.47 मैट्रिक टन खाद का आवंटन हुआ था। वहीं इस वर्ष 56 हजार 500 मैट्रिक टन का लक्ष्य दिया है। इसमें से 5792.96 मैट्रिक टन खाद कंपनियों ने उपलब्ध करा दिया है।
जिले में 03 लाख 90 हजार हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है और इस बार अच्छी बारिश हुई थी। इसलिए किसानों ने रबी की बुवाई का क्षेत्रफल भी बढ़ा दिया है। किसानों ने 01 लाख 44 हजार 885 हैक्टेयर में गेहूं, 02 लाख 03 हजार 926 में सरसों, 1456 में जौ, 3771 हैक्टेयर में चना की बुवाई की है। बारिश के बाद कोहरा ने दिसम्बर में असर दिखाना शुरू कर दिया है, जो फसल के लिए संजीवनी है।
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