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पुलिस और हिस्ट्रीशीटर के बीच छिपी है फायरिंग मिस्ट्री..

locationभरतपुरPublished: Sep 15, 2021 01:07:07 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-दो पक्षों के बीच पथराव का भी वीडियो वायरल, न मामला दर्ज हुआ न कोई गिरफ्तार

पुलिस और हिस्ट्रीशीटर के बीच छिपी है फायरिंग मिस्ट्री..

पुलिस और हिस्ट्रीशीटर के बीच छिपी है फायरिंग मिस्ट्री..

भरतपुर. शहर के मोरी चार बाग में एक दिन पहले करीब आधा घंटे तक दो गुटों के झगड़ा हुआ। पथराव के साथ कथित फायरिंग की बात भी सामने आई है। समय पर सूचना के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर समय पर नहीं पहुंची, बल्कि मोहल्ले के लोगों के विरोध के बाद दोनों गुट भाग गए। जब तक पुलिस पहुंची तब दोनों गुट जा चुके थे। एक गुट में शामिल बदमाश ने पिस्टल से तीन फायर भी किए थे। हालांकि पुलिस ने अभी तक न किसी को गिरफ्तार किया है और न कोई मामला दर्ज हुआ है। घटना 12 सितंबर की रात करीब 11 बजे की है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। बताते हैं कि विवाद इस मोहल्ले में सट्टा व अवैध शराब का कारोबार करने वाले दो गुटों से जुड़ा हुआ है, परंतु पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
जानकारी के अनुसार रविवार की देर रात मथुरागेट थाना इलाके में मोरी चार बाग में दो गुटों के बीच झगड़ा हो गया। कसाई मोहल्ला के कुछ असामाजिक तत्वों ने एक युवक की पिटाई कर दी। इसको लेकर दूसरे गुट ने कुछ असामाजिक तत्वों को बुला लिया। दोनों के बीच कुछ देर तक पथराव हुआ। इसी बीच मथुरा गेट थाने के एक कथित हिस्ट्रशीटर ने अवैध हथियार से तीन फायर कर दिए। घटना की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष से लेकर मथुरा गेट थाने को भी तीन बार दी गई, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। बाद में पुलिस के बड़े अधिकारी के दखल पर पुलिस पहुंची, तब तक मामला शांत हो चुका था।
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खौफ बड़ा या खाकी…बदमाश के खौफ से पीडि़त तक चुप
मोरी चार बाग में फायरिंग करने वाले कथित हिस्ट्रीशीटर का खौफ इतना है कि इस झगड़े में कुछ युवक घायल भी हुए थे, लेकिन जब पुलिस पहुंची तो सभी ने घटना से ही इंकार कर दिया। नाम न छापने की शर्त पर पीडि़तों ने बताया कि पूर्व में यह बदमाश फायरिंग कर चुका है, उस समय भी पुलिस को अवगत कराया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बदमाश का नाम दो मर्डर केस में भी सामने आ चुका है। इसके अलावा फायरिंग कई वारदात हुई। इनमें भी उसका नाम आया था।
बड़ा सवाल…देरी से आई पुलिस, एचएस का एसएचओ के साथ फोटो

इस विवाद के बीच पुलिस पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर पुलिस नियंत्रण कक्ष, मथुरा गेट थाना व एसपी को सूचना देने के बाद पुलिस देरी से पहुंची, इसके बीच यह मामला भी सामने आया है कि वारदात से एक दिन पहले खुद मथुरा गेट थाने के एसएचओ का स्वागत करते हुए बदमाश फोटो में दिख रहा है। इसी कारण पुलिस मौके पर देरी से पहुंची। यह शिकायत भी पुलिस के उच्च अधिकारियों के अलावा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग तक पहुंची है। मोरी चार बाग समेत आसपास के इलाके में पिछले करीब डेढ़ माह के अंतराल में करीब 38 से अधिक चोरी की वारदात हो चुकी हैं। सिंधी समाज के मंदिर में चोरी की वारदात का भी पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर चुकी है। शहर में चोरी, फायरिंग की बढ़ती वारदातों पर भी कोई अंकुश नहीं है।
असल वजह…सट्टा, जुआ, चोरी को बनाया बिजनेस

मोरी चार बाग में एक गुट लंबे समय से सट्टे का बड़ा कारोबार कर रहा है। यह गुट चोरी और जुआ खेलने वाले गुटों को भी सह देता है। ऐसे में पुलिस का भी यहां ध्यान कम रहता है। चूंकि पिछले दो माह पूर्व भी दो पुलिसकर्मियों का सट्टा खाई करने वाले मुखिया से लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था। इसमें सामने आया था कि पुलिसकर्मी मासिक बंधी नहीं देने के कारण गिरफ्तारी की धमकी दे रहे थे और सट्टे की खाई करने वाला पुलिस अधिकारी से बात करने की चेतावनी दे रहा था।
इनका कहना है
-दो गुटों के बीच झगड़े की सूचना पर पुलिस पहुंची थी, लेकिन वहां कोई नहीं मिला था। झगड़े में फायरिंग व पथराव की पुष्टि के लिए मथुरा गेट एसएचओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वंदिता राणा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक


-अभी तक मेरे पास इस घटना के संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है। उस समय कई लोग स्वागत करने आए थे, अब इसमें कौन था, यह तो मैं भी नहीं जानता। अगर कोई हिस्ट्रीशीटर है तो इसके बारे में भी जानकारी की जाएगी। बाकी अभी तक मोरीचार बाग की घटना को लेकर रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।
रामनाथ गुर्जर
एसएचओ थाना मथुरा गेट

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