पुलिस ने इन दोनों वारदातों में शामिल मास्टरमाइंड प्रहलाद पुत्र हजारी मीना (21) निवासी खरैरा थाना उच्चैन हाल गांधीनगर थाना सेवर, पुष्पेंद्र उर्फ ***** पुत्र फतेहसिंह प्रजापत (22) निवासी अनाह गेट थाना अटलबंध, प्रदीप पुत्र सुखवीर जाट (40) निवासी जहांगीरपुर थाना लखनपुर हाल सुभाषनगर थाना कोतवाली भरतपुर, मनोज पुत्र विजय सिंह जाटव (20) निवासी विजयनगर हीरादास थाना अटलबंध, दिवाकर पुत्र कप्तान सिंह जाट (22) निवासी नगला धौर्र थाना उच्चैन गांधीनगर थाना सेवर को गिरफ्तार किया है।
जांच में सामने आया कि पहली वारदात में प्रहलाद मीना ने टैक्सी चालक मृतक माधो को 16 सितंबर को शाम करीब साढ़े चार या पौने पांच बजे 50 रुपए में रेलवे स्टेशन भरतपुर से सेवर छोडऩे की बात कर टैंपो में सवार हो गया। सेवर ले जाते समय रास्ते में चालक से बातचीत कर दोस्ती करते हुए मेडिकल कॉलेज की ओर से जाकर शराब पी।
सेवर से वापस लाकर साजिश के तहत सुनसान इलाके मथुरा बाइपास पर यूआईटी के खाली पड़े भूखंडों पर ले गया, जहां शराब पीने के बाद अंधेरा होने पर टैंपो चालक की रस्सी से गला घोंटकर हत्या करने के बाद पांच हजार रुपए में टैंपो पुष्पेंद्र उर्फ ***** के साथ प्रदीप पुत्र सुखवीर को बेच दिया। टैंपो के पीछे लगे हीरो-हीरोइन के फोटो काट कर हटा दिया और आगे लगे विशेष प्रकार के होर्न व एंटीना भी हटा दिए।
दूसरी वारदात में प्रहलाद मीना व साथी मनोज जाटव के साथ रैकी कर ईंटसे भरी ट्रेक्टर-ट्रॉली को महाराजसर गांव के पास रोककर ईंट खरीदने की बात की और ट्रेक्टर को रोडपर खड़ा कराकर रास्ता दिखाने के बहाने ट्रेक्टर चानलक को कच्चे रास्ते पर सुनसान जगह खेतों में ले जाकर प्रहलाद ने चालक दिवाकर पुत्र कप्तान सिंह जाट निवासी नगला धौर्र थाना उच्चैन के सिर में नजदीक से गोली मार दी। आरोपी ने पहचान छिपाने के लिए नीले रंग की ट्रॉली पर ओरेंज रंग पोत दिया।
20 से 22 साल के आरोपी, मास्टरमाइंड अय्याशी पर खर्चकरता था रकम
इन दोनों ही हत्याकांड में शामिल आरोपियों की उम्र 20 से 22 साल है। साथ ही ये सभी आरोपी बड़ा गिरोह बनाने की कोशिश में जुटे थे। खुद मास्टरमाइंडप्रहलाद अय्याशी और शराब पार्टियों पर रकम अधिक खर्च करता था। उसने स्वीकार किया हैकि लूट के बाद वाहनों को बेचने से आईरकम को उसने अय्याशी पर ही खर्चकर दियाथा। प्रहलाद इतना शातिर था कि पुलिस को ही भ्रमित करने का प्रयास करता रहा। इससे अनुसंधान के दौरान सीन रिक्रियेटिव थ्योरी की सहायता से अभियुक्त की ओर से बताए तथ्यों का परीक्षण किया गया।
एसपी हैदर अली जैदी ने बताया कि इन दोनों ही वारदातों का खुलासा करने के लिए टीम बनाई गईथी। टीम में सेवर एसएचओ दौलतराम गुर्जर, उपनिरीक्षक पुलिस साइक्लोन सैल अमरेश कुमार, एएसआई मंगतूराम, हैड कांस्टेबल विजय कुमार, हैड कांस्टेबल सीआईयू ऐदल सिंह, रामेश्वर सिंह, चंद्रशेखर, कांस्टेबल जगदीश, लोकेंद्र सिंह, चालक किशनसिंह, कांस्टेबल पदमसिंह, हैड कांस्टेबल ललित कुमार, कांस्टेबल जीतराम, मानवेंद्र सिंह, जवाहरसिंह, महेंद्र सिंह, जितेंद्र कुमार, जगदीशप्रसाद मीना, प्रेमसिंह, चालक दिनेश कुमार शामिल थे।
17 सितंबर 2019 को शाम करीब सात बजे सेवर थाना क्षेत्र में स्थित एक छात्रावास के सामने यूआईटी के खाली भूखंड पर मृत युवक पड़ा मिला। उसकी गला घोंटकर हत्या की गईथी। युवक चरनसिंह उर्फ माधो पुत्र रघुवीर बाबरिया निवासी रूंध इकरन थाना चिकसाना 16 सितंबर से घर से लापता था। हत्या का मुकदमा मृतक की मां मुन्नी देवी ने दर्जकराईथी। इसमें सामने आया कि ऑटो लूटने के लिए युवक की हत्या की गई थी।