गौरतलब है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रभाव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। क्योंकि, लॉक डाउन और संक्रमण की भयभीत स्थिति में गरीब लोगों के पास रोजगार नहीं है इसलिए दो जून की रोटी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। इस लिहाज से रसद विभाग ने उचित मूल्य की दुकानों पर 165 हजार क्विंटल गेहूं और 07 लाख किलो दाल की व्यवस्था की है।
जिले में विभाग के अधीन 1007 राशने की दुकानें हैं, जहां से लगभग 3.50 लाख परिवार खाद्य सुरक्षा के तहत जुड़े हैं। इन परिवारों के करीब 16 लाख लोगों को ज्यादा गेहूं मिलेगा। वैसे लाभ की दृष्टि से एक अन्त्योदय परिवार को एक राशन कार्ड पर 35 किलो गेहूं निर्धारित है। इन्हें 35 किलो के अलावा 25 किलो अतिरिक्त गेहूं दिया जाएगा।
वहीं बीपीएल और स्टेट बीपीएल परिवारों को प्रतिमाह प्रति व्यक्ति पांच किलो के हिसाब से गेहूं मिलता है, लेकिन अब प्रति कार्ड प्रति व्यक्ति दस किलो गेहूं के साथ दो किलो चना की दाल दी जाएगी। वहीं विभाग ने डीलरों को भी निर्देशित किया है। निर्देश दिए हैं कि जो सरकारी कर्मचारी हो उसे गेहूं व दाल नहीं दें और इसकी सूचना तत्काल विभाग को दें।
इसके अलावा खाद्य सुरक्षा के कार्डों में ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करें जिनकी मृत्यु हो चुकी है और ऐसी महिलाएं जिनकी शादी हो चुकी है। वह राशन कार्ड से नाम कटवाए बिना ही लाभ ले रहे हों। जिला रसद अधिकारी बनवारी लाल मीणा ने बताया कि कोरोना संक्रमण में गरीब लोगों के सामने रोजगार का संकट है। इसलिए राशन की दुकानों से खाद्य सुरक्षा से जुड़े परिवारों को दोगुना गेहूं और दो किलो चना की दाल वितरित की जा रही है।